राजनीतिक दलों के आंतरिक चुनाव संबंधी जनहित याचिका को प्रतिवेदन के तौर पर लिया जाए: अदालत | PIL on internal elections of political parties to be taken as report: Court

राजनीतिक दलों के आंतरिक चुनाव संबंधी जनहित याचिका को प्रतिवेदन के तौर पर लिया जाए: अदालत

राजनीतिक दलों के आंतरिक चुनाव संबंधी जनहित याचिका को प्रतिवेदन के तौर पर लिया जाए: अदालत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : January 12, 2021/10:55 am IST

नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को राजनीतिक दलों के आंतरिक चुनाव के लिये आदर्श प्रक्रिया बनाने की मांग और देश के सभी दलों के संविधान में इस प्रक्रिया को शामिल करने से संबंधित जनहित याचिका को प्रतिवेदन के तौर पर स्वीकार करने के लिये कहा।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल तथा न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने आयोग को प्रतिवेदन पर कानून, नियमों, नियामकों और इस मामले के तथ्यों पर लागू होने वाली सरकारी नीति के अनुसार फैसला लेने की हिदायत दी।

इस निर्देश के साथ ही पीठ ने पेशे से वकील सी राजशेखरन की याचिका का निपटान कर दिया। राजशेखरन कमल हासन के राजनीतिक दल मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) के संस्थापक सदस्य भी रहे हैं।

राजशेखरन की ओर से पेश अधिवक्ता अभिमन्यु तिवारी ने दावा किया कि राजनीतिक दलों के आंतरिक चुनाव में आयोग के विनियामक निरीक्षक का अभाव है।

याचिका में दावा किया गया है कि आयोग ने 1996 में सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तर के राजनीतिक दलों और गैर-मान्यता प्राप्त पंजीकृत पार्टियों को पत्र जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि वे संगठनात्मक चुनावों से संबंधित विभिन्न प्रावधानों का पालन नहीं कर रहे हैं। इस पत्र के जरिये उनसे उक्त चुनावों के संबंध में अपने-अपने संविधानों का पालन करने की अपील की गई थी।

याचिका में आरोप लगाया गया था कि अधिकतर दलों में स्थापित राजनीतिक परिवारों की उक्त पार्टियों के आलाकमान पद पर पकड़ बनाए रखने के लिये आंतरिक चुनाव खानापूर्ति साबित होते हैं।

भाषा जोहेब नरेश

नरेश

 

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