इस्लामाबाद,एक जनवरी (भाषा) पाकिस्तान की एक संसदीय समिति ने पंजाब प्रांत के फैसलाबाद शहर से एक नाबालिग ईसाई लड़की के अपहरण के मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए हैं।
समाचार पत्र ‘डॉन न्यूज’ की एक खबर के अनुसार 13साल की लड़की को कथित तौर पर कुछ मुसलमान लोगों ने अगवा किया, उसे जबरन इस्लाम धर्म कुबूल कराया और उनमें से एक ने बाद में लड़की से निकाह कर लिया था। खबर के मुताबिक लड़की को पांच माह बाद मुक्त कराया गया था।
मानवाधिकारों पर ‘सीनेट फंक्शनल कमेटी’ की बृहस्पतिवार को बैठक हुई और उसमें जबरन धर्मांतरण और विवाह के मुद्दों पर चर्चा हुई।
फैसलाबाद के पुलिस अधिकारियों ने समिति को बताया कि उन्हें लड़की के परिवार की ओर से शिकायत मिली है कि खैजर हयात नामक एक व्यक्ति ने लड़की को अगवा किया था, लेकिन लड़की के बयान में इससे इतर बात है।
पुलिस ने बताया कि लड़की ने मजिस्ट्रेट से समक्ष दर्ज अपने बयान में कहा कि उसने अपनी मर्जी से घर छोड़ा, इस्लाम कुबूल किया और विवाह किया।
समिति की बैठक के दौरान लड़की के पिता ने एक प्रमाणपत्र पेश किया जिससे मालुम होता है कि लड़की की उम्र 13वर्ष है।
खबर के मुताबिक समिति ने जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए। इस दौरान लड़की के पिता ने पुलिस के बर्ताव की भी समिति से शिकायत की, जिस पर समिति ने खेद व्यक्त किया।
समिति के अध्यक्ष ने नाबालिग लड़की के परिवार से माफी मांगी और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की।
समिति ने फैसलाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को मामले की जांच करने और छह जनवरी को जांच रिपोर्ट समिति के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए।
भाषाा शोभना उमा
उमा
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