आरबीआई ने लक्ष्मी विलास बैंक के कामकाज को देखने के लिये निदेशकों की तीन सदस्यीय समिति को मंजूरी दी | RBI approves three-member Committee of Directors to look into the functioning of Laxmi Vilas Bank

आरबीआई ने लक्ष्मी विलास बैंक के कामकाज को देखने के लिये निदेशकों की तीन सदस्यीय समिति को मंजूरी दी

आरबीआई ने लक्ष्मी विलास बैंक के कामकाज को देखने के लिये निदेशकों की तीन सदस्यीय समिति को मंजूरी दी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : September 28, 2020/12:14 pm IST

नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कर्ज में फंसी लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) के दैनिक कामकाज को देखने के लिये निदेशकों की तीन सदस्यीय समिति (सीओडी) के गठन की मंजूरी दे दी है। शेयरधारकों द्वारा बैंक के सातों निदेशकों को बर्खास्त किये जाने के बाद आरबीआई ने यह कदम उठाया है।

बैंक ने सोमवार को एक बयान में कहा कि निदेशकों की समिति अंतरिम तौर पर प्रबंध निदेशक और सीईओ की विवेकाधीन शक्तियों का उपयोग करेगी।

बयान के अनुसार आरबीआई ने 27 सितंबर को सीओडी को नियुक्त किया था। इसमें तीन स्वतंत्र निदेशक मीता मखान, शक्ति सिन्हा और सतीश कुमारा कालरा हैं। समिति की अध्यक्ष मीता मखान हैं।

सालाना आम बैठक (एजीएम) में शेयरधारकों ने शुक्रवार को एलवीबी प्रबंध निदेशक और सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) समेत सातों निदेशकों और ऑडिटरों को बर्खास्त कर दिया था।

नये बोर्ड ने निवेशकों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि बैंक की नकदी की स्थिति संतोषजनक है। साथ ही जमाकर्ताओं से कहा कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है।

बयान के अनुसार, ‘‘नकदी कवरेज अनुपात (एलसीआर) 27 सितंबर की स्थिति के अनुसार करीब 262 प्रतिशत था जबकि आरबीआई के अनुसार इसे न्यूनतम 100 प्रतिशत होना चाहिए। जमाकर्ता, बांडधारक और खाताधारक तथा कर्जदाता पूरी तरह से सुरक्षित हैं।’’

इसमें कहा गया है कि लक्ष्मी विलास बैंक कानून के अनुसार जरूरी हर सूचना सार्वजनिक रूप से साझा करेगा।

बैंक की समस्या उस समय शुरू हुई जब उसने एसएमई (लघु एवं मझोले उद्यम) के बजाए बड़ी कंपनियों पर ध्यान देना शुरू किया। बैंक ने फार्मा कंपनी रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तक मलविन्दर सिंह और शिविन्दर सिंह की निवेश इकाई को 720 करोड़ रुपये का कर्ज दिया।। यह कर्ज 2016 के अंत और 2017 की शुरूआत में 794 करोड़ रुपये की मियादी जमा पर दिया गया। यहीं से बैंक की समस्या शुरू हुई।

पिछले सप्ताह, दिल्ली पुलिस ने लक्ष्मी विलास बैंक के दो पूर्व कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। उन पर कथित रूप से रेलिगेयर फिनवेस्ट लि. के 729 करोड़ रुपये की मियादी जमा की रसीद के कथित रूप से दुरूपयोग का आरोप है।

आरबीआई ने सितंबर 2019 में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बढ़ने के साथ बैंक को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई के अंतर्गत रखा।

बैंक को मार्च 2020 को समाप्त वित्त वर्ष में 836.04 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर

 

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