मुंबई, सात अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ‘लॉकडाउन’ के कारण विदेशी बाजारों से लिये गये वाणिज्यिक कर्ज (ईसीबी) का उपयोग नहीं करने वाली कंपनियों को राहत दी है। केंद्रीय बैंक ने बुधवार को कहा कि बिना उपयोग वाली एक मार्च, 2020 से पहले ईसीबी के जरिये जुटायी गयी राशि देश के बैंकों में मियादी जमा के रूप में एक मार्च, 2022 तक रखी जा सकती है।
ईसीबी नियम के तहत कर्जदारों को भारत में मियादी जमा के रूप में राशि अधिकतम 12 महीने के लिये रखने की अनुमति है।
केंद्रीय बैंक ने विकासात्मक और नियामकीय नीतियों पर अपने बयान में कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये लॉकडाउन के कारण पहले से ईसीबी के जरिये जुटायी जा चुकी राशि के उपयोग में कठिनाइयों को देखते हुए, इस मामले में एक बारगी राहत देने का निर्णय किया गया है।’’
इसके तहत एक मार्च, 2020 से पहले जुटायी गयी बिना उपयोग वाली ईसीबी राशि को मियादी जमा के रूप में एक मार्च, 2022 तक एडी (अधिकृत डीलर) श्रेणी-I के बैंकों में रखा जा सकता है।
केंद्रीय बैंक इस संदर्भ में अलग से दिशानिर्देश जारी करेगा।
इस बीच, आरबीआई ने यह भी कहा कि वित्तीय समावेश सूचकांक (एफआई सूचकांक) हर जुलाई में प्रकाशित किया जाएगा। यह सूचकांक पिछले मार्च में समाप्त वित्त वर्ष के लिये होगा।
भाषा रमण मनोहर
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