इस भारतीय छात्रा ने रचा इतिहास, ऑक्सफोर्ड यूनीवर्सिटी छात्रसंघ की अध्यक्ष बनी पहली भारतीय महिला, 7 महीने पहले ही हुआ था एडमिशन | Rashmi Sawant: First Indian woman to be president of Oxford University Students Union

इस भारतीय छात्रा ने रचा इतिहास, ऑक्सफोर्ड यूनीवर्सिटी छात्रसंघ की अध्यक्ष बनी पहली भारतीय महिला, 7 महीने पहले ही हुआ था एडमिशन

इस भारतीय छात्रा ने रचा इतिहास, ऑक्सफोर्ड यूनीवर्सिटी छात्रसंघ की अध्यक्ष बनी पहली भारतीय महिला, 7 महीने पहले ही हुआ था एडमिशन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:46 PM IST, Published Date : February 14, 2021/6:15 am IST

नयी दिल्ली, 14 फरवरी (भाषा) कर्नाटक की रश्मि सावंत ने कभी सोचा न था कि पिछले बरस जनवरी में वह दुनिया के जिस प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान में दाखिले के लिए आवेदन कर रही थी, इस वर्ष फरवरी में वह उसी संस्थान के छात्र संघ का चुनाव जीतकर खबरों का हिस्सा बन जाएगी।

मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में चार वर्ष का स्नातक पाठ्यक्रम पूरा करने वाली रश्मि सावंत को सात महीने पहले ऑक्सफोर्ड यूनीवर्सिटी में दाखिला मिला तो लगा जैसे सपना सच हो गया, लेकिन यूनीवर्सिटी के छात्र संघ चुनाव में हजारों छात्रों ने उसे वोट देकर अध्यक्ष पद के चुनाव में विजयी बना दिया और उसकी आंखों को कुछ और सपने देखने की वजह दे दी। यह पहला मौका है जब भारत की किसी महिला ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष पद पर कब्जा किया है।

read more: इंडियन एयर फोर्स में निकली बंपर भर्ती, 10 वीं पास भी कर सकते हैं आवदेन…देखि…

रश्मि सावंत का कहना है कि विदेश में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्र छात्राओं को अपने लक्ष्य को पहचानने के बाद उसपर से अपना ध्यान भटकने नहीं देना चाहिए और पूरी शिद्दत से उसे पाने की कोशिश में लग जाना चाहिए, लेकिन उसके लिए सब कुछ त्याग देने और 24 घंटे पढ़ाई करते रहना भी सही नहीं है। रश्मि का मानना है कि अपनी रूचि की तमाम गतिविधियों में हिस्सा लेना और जीवन के हर क्षेत्र में कुछ बेहतर करने की चाह रखना आपको अपनी मंजिल के करीब ले जाता है।

read more: हाईस्कूलों में 1894 पदों पर भर्ती, परीक्षा की तिथि और आवेदन से जुड़…

रश्मि के पिता दिनेश सावंत उडुपी के नजदीक परकाला में अपना कारोबार करते हैं, जबकि मां वत्सला सावंत गृहिणी हैं। रश्मि की प्रारंभिक शिक्षा मणिपाल और उडुपी में ही हुई और उन्होंने 2016-2020 के बीच एमआईटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। इस दौरान वह छात्र परिषद की तकनीकी सचिव रहीं और मणिपाल हैकेथान की शुरुआत में उनका बड़ा योगदान रहा, जिसमें सामाजिक चुनौतियों से निपटने के लिए डिजिटल समाधान की हिमायत की गई है।

ऑक्सफोर्ड यूनीवर्सिटी के लिनाकर कॉलेज में एनर्जी सिस्टम्स में एमएससी की पढ़ाई कर रही रश्मि ने छात्र हित को सर्वोपरि रखते हुए अपना प्रचार अभियान चलाया और उन्हें जितने वोट मिले उनके तीन प्रतिद्वंद्वी मिलकर भी उतने वोट हासिल नहीं कर पाए।