आखिर पकड़ी गई 'शर्मीली', 30 घंटे तक चला रेस्क्यू.. 15 महीने से बंद पड़ी रबड़ फैक्ट्री में दे रही थी चकमा | 'Shy' 30-hour rescue operation finally caught

आखिर पकड़ी गई ‘शर्मीली’, 30 घंटे तक चला रेस्क्यू.. 15 महीने से बंद पड़ी रबड़ फैक्ट्री में दे रही थी चकमा

आखिर पकड़ी गई 'शर्मीली', 30 घंटे तक चला रेस्क्यू.. 15 महीने से बंद पड़ी रबड़ फैक्ट्री में दे रही थी चकमा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:48 PM IST, Published Date : June 19, 2021/7:54 am IST

बरेली (उप्र),19 जून (भाषा) चार साल की बाघिन ‘शर्मीली ‘ को 15 महीने बाद वन्य जंतु विशेषज्ञों ने तीस घंटे चले मेगा बचाव अभियान के बाद शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे पकड़ लिया ।

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छठी बार शुरू किये गये बचाव अभियान के अंतर्गत तीस घंटे तक चला बड़ा बचाव अभियान था जो सफल रहा, शर्मिली को अब लखीमपुर खीरी के दुधवा नेशनल पार्क के किशनपुर अभयारण्य में भेजा जायेगा जो 15 महीने पहले वहां से निकलकर बरेली की बंद पड़ी रबर फैक्ट्री में 11 मार्च 2020 को आ गयी थी।

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बरेली के मुख्य वन संरक्षक ललित वर्मा ने बताया कि चार साल की बाघिन ‘शर्मीली ‘ बहुत चतुर है और वह ऐसा आसरा प्रतिदिन बनाती थी कि 39 कैमरों को नजर न आये। उन्होंने बताया कि पांच बचाव अभियान असफल होने के बाद आखिरकार वह बृहस्पतिवार को जाल में घिर गई ।

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उन्होंने बताया कि शर्मिली को पकड़ने लिये छठा अभियान 15 दिन पहले शुरू हुआ था और 39 कैमरों के जरिए,1400 एकड़ मे फैले बंद पड़ी रबड़ फैक्ट्री में उसकी निगरानी 24 घंटे की जा रही थी।

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वर्मा ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह वह चूना कोठी के पास खाली टैंक में बैठी देखी गयी। बाघिन का ठिकाना जिस टैंक में था, उसकी परिधि 10 मीटर और गहराई 25 फुट है। उन्होंने बताया कि उस टैंक से बाहर निकलने का सिर्फ एक ही रास्ता है और जैसे ही वह बाहर निकली, मुहाने पर लगाए गए पिंजरे में कैद हो गई।

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बाघिन ‘शर्मीली ‘ की लंबाई 11 फीट और वजन 150 किलो है । वर्मा ने बताया कि 24 घंटे से अधिक चले इस बृहद बचाव अभियान में विशेषज्ञों के अलावा 125 सदस्यों और दो डॉक्टरों को भी तैनात किया गया था ।

 

 
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