श्रीलंका ने संसद में इमरान खान के प्रस्तावित संबोधन को रद्द कियाः मीडिया रिपोर्ट | Sri Lanka cancels Imran Khan's proposed address to parliament: media report

श्रीलंका ने संसद में इमरान खान के प्रस्तावित संबोधन को रद्द कियाः मीडिया रिपोर्ट

श्रीलंका ने संसद में इमरान खान के प्रस्तावित संबोधन को रद्द कियाः मीडिया रिपोर्ट

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : February 18, 2021/9:22 am IST

कोलंबो/इस्लामाबाद, 18 फरवरी (भाषा) श्रीलंका ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कोलंबो यात्रा के दौरान संसद को संबोधित करने के प्रस्तावित कार्यक्रम को रद्द कर दिया है।

मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई है।

‘कोलंबो गैजेट’ वेबसाइट ने बुधवार को खबर दी है कि संसद के एक वरिष्ठ अधिकारी नरेंद्र फर्नान्डो ने कहा कि उन्होंने संसद को सूचित किया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की श्रीलंका यात्रा कार्यक्रम के मुताबिक होगी।

बहरहाल, विदेश मंत्रालय ने संसद के अधिकारियों को सूचित किया है कि खान की संसद भवन परिसर की प्रस्तावित यात्रा नहीं होगी।

खान 22 फरवरी को दो दिन की राजकीय यात्रा पर श्रीलंका आ रहे हैं।

खान कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद देश की यात्रा पर आने वाले पहले राष्ट्र प्रमुख हैं। वह राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और विदेश मंत्री दिनेश गुनावर्दना के साथ वार्ता करेंगे।

पाकिस्तान के ‘डॉन’ अखबार ने बृहस्पतिवार को खबर दी कि माना जाता है कि पाकिस्तान सरकार के आग्रह पर खान द्वारा संसद को संबोधित किए जाने के कार्यक्रम को शामिल किया गया था। बहरहाल, बाद में इसे रद्द कर दिया गया और श्रीलंका की मीडिया ने संबोधन को रद्द किए जाने के लिए विभिन्न कारण बताए हैं।

यह संबोधन 24 फरवरी को होना था।

श्रीलंका के दैनिक ‘एक्सप्रेस’ के मुताबिक, विदेश सचिव जयंत कोलंबेज ने कहा है कि संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अबयवर्दना ने कोविड-19 को लेकर खान के संबोधन को रद्द करने का आग्रह किया था।

‘डॉन’ अखबार ने श्रीलंका मीडिया में आई खबरों के हवाले से कहा कि श्रीलंकाई सरकार के भीतर ऐसे तत्व हैं, जो नहीं चाहते थे कि खान संसद को संबोधित करें। रिपोर्ट के अनुसार उन्हें डर था कि ऐसा करने से भारत के साथ संबंध खराब हो सकते हैं क्योंकि कोलंबो बंदरगाह में ‘ ईस्ट कंटेनर टर्मिनल ‘ को लेकर हुए समझौते के रद्द होने के बाद पहले ही संबंधों में तनाव है।

पाकिस्तानी अखबार ने कहा कि उम्मीद थी कि खान अपने संबोधन के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठा सकते हैं जिससे भारत नाराज हो सकता है।

अगस्त 2019 में भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को खत्म करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।

पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाना उसका ‘ अंदरूनी मामला ‘ है।

ऐसी अटकल भी है कि श्रीलंका सरकार इस बात को लेकर चिंतित थी कि खान श्रीलंका में मुस्लिमों के अधिकारों के बारे में बोल सकते हैं जो बहुसंख्यक बौद्ध समुदाय के हाथों कथित उत्पीड़न, बढ़ती मुस्लिम विरोधी भावनाएं और सरकार की ‘पक्षपातपूर्ण’ कार्रवाइयों का सामना कर रहे हैं।

श्रीलंका सरकार ने यह अनिवार्य कर दिया था कि कोविड-19 से मरने वालों का दाह संस्कार किया जाएगा जिससे देश की मुस्लिम आबादी नाराज हो गई थी।

हालांकि, इस मुद्दे पर वैश्विक स्तर पर विरोध के बाद सरकार ने इस महीने की शुरुआत में मुस्लिमों को दाह-संस्कार से छूट दे दी और उन्हें मृतकों को दफनाने की अनुमति दी है।

खान ने श्रीलंका सरकार के फैसले का स्वागत किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में श्रीलंका की संसद को संबोधित किया था।

भाषा

नोमान अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)