नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) दिल्ली में कोविड-19 का टीका लगवाने वाले पहले शख्स और एम्स में कार्यरत 34 साल के मशीन ऑपरेटर मनीष कुमार ने कहा कि उन्होंने खुद अस्पताल के अधिकारियों से पहला टीका लगवाने को कहा क्योंकि इस काम के लिए चुने गये उसके साथियों को टीका लगवाने में डर लग रहा था।
कुमार की मां लक्ष्मी रानी भी एम्स में काम करती हैं। उन्होंने कहा कि वह बिल्कुल भी नहीं घबराया, अच्छे से सोया और उसे टीका लगवाने पर गर्व है।
एम्स में टीकाकरण अभियान की शुरुआत के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की मौजूदगी में शनिवार को मनीष कुमार को कोविड-19 का टीका लगाया गया।
मनीष कुमार ने कहा, ‘‘मुझे पता नहीं था कि मैं टीका लगवाने वाला पहला शख्स हूं। मैं कल रात अच्छे से सोया था, सुबह यहां (अस्पताल) आया और अन्य कर्मियों से बात की जिन्हें टीका लगना था।’’
मनीष ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘उनमें से कई डरे हुए थे। तो मैं अपने वरिष्ठों के पास गया और कहा कि मुझे सबसे पहले टीका लगाया जाए। मैं अपने साथियों के सामने साबित करना चाहता था कि डरने की कोई जरूरत नहीं है।’’
नजफगढ़ निवासी कुमार पिछले आठ साल से अस्पताल में काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि उसकी पत्नी बहुत घबराई हुई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘उसने तो मुझसे कहा कि टीका नहीं लगवाऊं। मैंने उसे बताया कि यह केवल एक इंजेक्शन है। इसे लगवाने के बाद मैंने अपने मां से कहा कि मेरी पत्नी को बता दें कि मैं ठीक हूं।’’
मनीष ने कहा, ‘‘दो घंटे से अधिक हो गये और और मुझे गर्व की अनुभूति हो रही है। मैं सभी से कहना चाहूंगा कि टीके को लेकर डर की जरूरत नहीं है। मुझे अब तक कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखाई दिया। कोई दर्द नहीं है, सांस लेने में परेशानी नहीं है या हाथ-पैरों को चलाने में कोई कठिनाई नहीं है।’’
भाषा
वैभव उमा
उमा
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