तिरुपति: भगवान हनुमान का जन्म तिरुमला की सात पवित्र पहाड़ियों में से एक पर होने संबंधी दावे के साथ एक ‘साक्ष्य’ आधारित पुस्तक का विमोचन 13 अप्रैल को किया जायेगा तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। हालांकि राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन के पूर्व निदेशक प्रो. वी वेंकटरमण रेड्डी ने कहा कि ‘देवताओं के जन्मस्थल’ पर इस तरह की ‘खोज’ उचित नहीं है जबकि तिरुमला में स्थित श्री वेंकटेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी एवी रमना दीक्षितुलु ने इस संबंध में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ‘‘खगोलीय, पुरालेखीय, वैज्ञानिक और पौराणिक प्रमाण’’ वाली पुस्तक, जो यह साबित करेगी कि तिरुमला पहाड़ियों पर भगवान हनुमान का जन्म हुआ था, का विमोचन तेलुगू नववर्ष के दिन ‘उगादि’ पर किया जाएगा। टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी केएस जवाहर रेड्डी ने गत दिसम्बर में विद्वानों की एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। इस समिति का गठन अध्ययन करने और सात पहाड़ियों में से एक ‘अंजनाद्रि’ में प्रमाण एकत्रित करने के लिए किया गया था।
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तेलुगू देशम पार्टी के प्रवक्ता एन बी सुधाकर रेड्डी, ने कहा कि ‘‘यह विश्वास करने की पूरी संभावनाएं हैं कि भगवान हनुमान का जन्म तिरुमला पहाड़ियों पर हुआ था।’’ हनुमान को दक्षिण भारत में ‘श्री अंजनीस्वामी’ के नाम से जाना जाता है।