राजाजी बाघ अभयारण्य में बाघ का स्थानांतरण ज्यादा चुनौतीपूर्ण | Transfer of tiger to Rajaji Tiger Sanctuary more challenging

राजाजी बाघ अभयारण्य में बाघ का स्थानांतरण ज्यादा चुनौतीपूर्ण

राजाजी बाघ अभयारण्य में बाघ का स्थानांतरण ज्यादा चुनौतीपूर्ण

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : December 31, 2020/11:23 am IST

ऋषिकेश, 31 दिसंबर (भाषा) हाल में कॉर्बेट बाघ अभयारण्य से राजाजी बाघ अभयारण्य में एक बाघिन को सफलतापूर्वक स्थानांतरित करने वाले उत्तराखंड वन विभाग के सामने अब उसके संभावित साथी के रूप में एक बाघ को वहां भेजे जाने की उससे भी बडी चुनौती है।

उत्तराखंड के प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) विनोद कुमार सिंघल ने बताया कि स्थानांतरण की कवायद में जुटे विशेषज्ञ दल के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि स्थानांतरित किए जाने वाले बाघ का अपना अधिकार क्षेत्र न हो।

स्थानांतरण के लिए तीन—चार वर्ष के छोटे बाघों को तरजीह दी जाती है क्योंकि उनका अपना कोई अधिकार क्षेत्र नहीं होता है। अधिकार क्षेत्र रखने वाले बाघ को स्थानांतरित किए जाने से उस क्षेत्र पर वर्चस्व के लिए नए दावेदारों के बीच संघर्ष होता है जिसमें अक्सर छोटे शावकों और शारीरिक रूप से कमजोर बाघों की मृत्यु हो जाती है।

सिंघल ने बताया, ‘‘बाघिन के मुकाबले बाघ को स्थानांतरण किए जाने का काम कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण और जटिल है।’’

उन्होंने बताया कि अन्य बाघों से ज्यादा शारीरिक बल होने के आधार पर बाघ अपने अधिकार क्षेत्र पर दावा करते हैं और इससे उन्हें उस क्षेत्र में रह रही बाघिनों पर भी स्वत: अधिकार मिल जाता है। उन्होंने कहा कि अपने अधिकार क्षेत्र पर दावा करने के बाद बाघ अपनी संतति बढ़ाने के लिए अपनी साथी बाघिन का स्वयं चुनाव करता है।

वन अधिकारी ने बताया कि स्थानांतरण के लिए पूरी तरह से तैयार बाघ के चुनाव के कठिन काम को देखते हुए चयन दल, विशेषज्ञ दल को सभी प्रकार के संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के विशेषज्ञों तथा कॉर्बेट बाघ अभयारण्य के वरिष्ठ अधिकारियों वाले चयन दल ने कॉर्बेट रिजर्व में उपयुक्त बाघ की तलाश शुरू कर दी है।

उत्तराखंड में बाघों के स्थानांतरण के अपने पहले सफल प्रयास में कॉर्बेट बाघ अभयारण्य से 24 दिसंबर को एक बाघिन को राजाजी बाघ अभयारण्य स्थानांतरित किया गया था।

भाषा सं दीप्ति अमित

अमित

 

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