नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर ने दिल्ली की एक अदालत से बृहस्पतिवार को कहा कि ट्विटर अकाउंट मिटाने को लेकर पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ एक और आपराधिक मामला बन सकता है।
साथ ही, अकबर की वकील ने दावा किया है कि रमानी के इस ट्विटर अकाउंट में प्राथमिक साक्ष्य थे।
अकबर ने उनके द्वारा रमानी के खिलाफ दायर एक आपराधिक शिकायत की अंतिम सुनवाई के दौरान अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा के जरिए यह दलील दी।
अकबर ने उन पर यौन दुर्व्यवहार करने का रमानी द्वारा आरोप लगाये जाने के बाद अपनी कथित मानहानि करने को लेकर उनके (रमानी के) खिलाफ यह शिकायत दायर की थी। यह कथित घटना उस वक्त की है जब रमानी बतौर पत्रकार काम कर रही थी।
रमानी ने 2018 में सोशल मीडिया पर चले ‘मीटू’ अभियान के दौरान अकबर के खिलाफ यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाये थे।
लूथरा ने अदालत से कहा कि रमानी ने अपने सभी ट्वीट के साथ अपना ट्विटर अकाउंट मिटा दिया है। उन्होंने न्याय में अवरोध डालने के लिए जानबूझ कर ऐसा किया है।
लूथरा ने कहा, ‘‘वह जानती हैं कि उनके खिलाफ एक आपराधिक शिकायत लंबित है। ये ट्वीट प्राथमिक साक्ष्य थे। क्या वह साक्ष्य को नष्ट कर सकती हैं? एक और आपराधिक मामला बन सकता है। ’’
अदालत ने पूछा कि क्या यह अकाउंट जिरह से पहले मिटाया गया, जिसके जवाब लूथरा ने ‘हां’ में दिया।
अदालत ने यह भी पूछा कि क्या अकबर ने साक्ष्य नष्ट करने को लेकर कोई शिकायत दायर की है।
लूथरा ने कहा, ‘‘हमने नहीं की है लेकिन हम चाहते हैं कि अदालत संज्ञान ले। हमने इसे अदालत के संज्ञान में रखा। ’’
बहरहाल, अदालत इस विषय की आगे की सुनवाई 23 जनवरी को करेगी।
भाषा सुभाष माधव
माधव
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