50 लाख रुपये मासिक अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को एक प्रतिशत जीएसटी नकद भरना होगा | Units with turnover of Rs 50 lakh monthly will have to pay one per cent GST cash

50 लाख रुपये मासिक अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को एक प्रतिशत जीएसटी नकद भरना होगा

50 लाख रुपये मासिक अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को एक प्रतिशत जीएसटी नकद भरना होगा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : December 23, 2020/10:42 am IST

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) वित्त मंत्रालय ने कहा है कि 50 लाख रुपये से अधिक के मासिक कारोबार वाली इकाइयों को अनिवार्य रूप से एक प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) देनदारी का भुगतान नकद में करना होगा। यह कदम जाली बिल (इन्वॉयस) के जरिये कर चोरी रोकने के लिए उठाया गया है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जीएसटी नियमों में नियम 86 बी पेश किया है। यह नियम इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) का अधिकतम 99 प्रतिशत तक ही इस्तेमाल जीएसटी देनदारी निपटाने की अनुमति देता है।

सीबीआईसी ने बुधवार कहा, ‘‘किसी महीने में करयोग्य आपूर्ति का मूल्य 50 लाख रुपये से अधिक होने पर कोई भी पंजीकृत व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर में उपलब्ध राशि का इस्तेमाल 99 प्रतिशत से अधिक कर देनदारी को पूरा करने के लिए नहीं कर सकता।’’

कारोबार की सीमा की गणना करते समय जीएसटी छूट वाले उत्पादों या शून्य दरों वाली आपूर्ति को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा।

हालांकि, कंपनी के प्रबंध निदेशक या किसी भागीदार ने यदि एक लाख रुपये से अधिक का आयकर दिया है अथवा पंजीकृत व्यक्ति को इससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान इस्तेमाल न हुए इनपुट कर क्रेडिट पर एक लाख रुपये से अधिक का रिफंड मिला है, तो यह अंकुश लागू नहीं होगा।

ईवाई के कर भागीदार अभिषेक जैन ने कहा कि सरकार ने 50 लाख रुपये मासिक से अधिक के करयोग्य कारोबार पर इनपुट कर क्रेडिट के जरिये कर देनदारी के भुगतान को 99 प्रतिशत तक सीमित किया है।

जैन ने कहा, ‘‘इस कदम का मकसद कंपनियों को जाली बिलों के जरिये आईटीसी का दुरुपयोग करने से रोकना है।’’

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर

 

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