नागपुर, 23 फरवरी (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने सूरजगढ़ लौह अयस्क खान आगजनी के 2016 के मामले में मेडिकल आधार पर वरवरा राव को मंगलवार को अंतरिम जमानत दे दी।
इस मामले में महाराष्ट्र की गढ़चिरौली पुलिस ने फरवरी 2019 में 82 वर्षीय राव और वकील सुरेन्द्र गाडलिंग को गिरफ्तार किया था।
अदालत की नागपुर पीठ की न्यायमूर्ति स्वप्ना जोशी ने मंगलवार को राव को उन्हीं आधार पर जमानत दी है, जिन पर उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ ने सोमवार को उन्हें ऐल्गार परिषद माओवादी संबंध मामले में जमानत दी थी।
राव के वकील के अनुसार, डिमेंशिया के लक्षण सहित उन्हें अन्य कई बीमारियां हैं। उनके वकीलों फिरदौस मिर्जा और निहालसिंह राठौड़ ने कहा कि राव ने मेडिकल आधार पर जमानत का अनुरोध किया है, गढ़चिरौली के सूरजगढ़ खान आगजनी मामले में गुणदोष के आधार पर नहीं।
मिर्जा ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमने यहां अदालत (नागपुर) को सोमवार को न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिटाले की खंड पीठ द्वारा मेडिकल आधार पर छह महीने की अंतरिम जमानत दिए जाने की बात बतायी।’’
उन्होंने बताया कि खंड पीठ के आदेश को ध्यान में रखते हुए न्यायमूर्ति जोशी ने आगजनी मामले में भी इतनी ही अवधि के लिए अंतरिम जमानत मंजूर की।
गौरतलब है कि 25 दिसंबर, 2016 को नक्सलियों ने गढ़चिरौली के एटापल्ली तहसील की सूरजगढ़ खान से लौह अयस्क ले जाने वाले कम से कम 80 वाहनों को कथित रूप से जला दिया था।
भाषा अर्पणा नरेश
नरेश
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