रंग ला रही एक छोटी सी कोशिश, लॉकडाउन में घर बैठे आप भी कर सकते हैं बड़ी कमाई | A little try on getting color You can also earn big money while sitting at lockdown

रंग ला रही एक छोटी सी कोशिश, लॉकडाउन में घर बैठे आप भी कर सकते हैं बड़ी कमाई

रंग ला रही एक छोटी सी कोशिश, लॉकडाउन में घर बैठे आप भी कर सकते हैं बड़ी कमाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:22 PM IST, Published Date : April 13, 2020/10:26 am IST

लखनऊ । कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है। 21 दिनों से आगे भी लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि निम्न आय वर्ग अपना पेट कैसे पालेगा । इस दिशा में उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने अहम कदम उठाया है। उत्तरप्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग ने इस समय की सबसे बड़ी जरुरत बन गए मास्क के निर्माण का काम चुना है। ये मास्क खादी से बनाए जा रहे हैं। “ग्राम विकास विभाग की स्वयं सहयता समूह की महिलाओं द्वारा यह खादी का मास्क तैयार किया जा रहा है। उन्हें इसके लिए 6 लाख मीटर कपड़ा दे दिया गया है। एक मीटर में करीब आठ मास्क का निर्माण होता हैं। इस तरह 6 लाख मीटर कपड़ों में करीब 50 लाख मास्क तैयार किए जाने की योजना है। मार्केट में एक जोड़े मास्क की कीमत 20-22 रुपये के करीब होगी।”

लॉकडाउन की स्थिति में बुनकर,टेलर और घर पर सिलाई करने वाले कामगारों के लिए दोहरा रोजगार है। एक तो कपड़ा बुनकरों को और दूसरा मास्क बना रही महिलाओं को है। साथ ही इस मास्क को बाजार तक पहुंचाने वालों को भी रोजगार मिलेगा।

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सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने कहा, “खादी से तैयार मास्क मानक के अनुसार पूरी गुणवत्ता के होंगे। यह तीन लेयर के होंगे और दो-दो की पैकिंग में उपलब्ध होंगे। ताकि लेने वाला बारी-बारी से इसका प्रयोग कर सकें। इससे उनकी कोरोना के अलावा वायरस जनित और रोगों से भी सुरक्षा हो सकेगी। मानक के अनुसार मास्क बनाने के लिए प्रशिक्षण की जिम्मेदारी भारतीय हरित खादी नामक संस्था को दी गई है।”

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, अभी प्रदेश में महिलाओं के करीब दो हजार स्वयं सहायता समूह हैं। इनसे करीब 20 लाख महिलाएं जुड़ी हैं। इस काम से जुड़ने वाले समूह की महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार भी मिलेगा। इनकी संख्या लाखों में होगी।

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शासन की इस योजना से कत्तिनों और बुनकरों को भी होगा लाभ मास्क के लिए कपड़े की मांग बढ़ने पर सूत कातने और बुनने वाले कत्तिनों को भी रोजगार मिलेगा। मौजूदा समय में प्रदेश में करीब छह लाख कत्तिन और बुनकर हैं। खादी के कपड़ों पर केंद्र और प्रदेश सरकार क्रमश: 20 और 15 फीसद का अनुदान देती है। राज्य सरकार से देय अनुदान का 5 फीसद सीधे कत्तिनों और बुनकरों के खाते में जाता है। इस तरह से इनको भी लाभ होगा। तैयार मास्क ग्राम विकास विभाग ग्राम पंचायतों के जरिए बंटवाएगा। इसमें पोस्ट ऑफिस, बैंक और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जा सकती है। कई संस्थाएं इसके लिए खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग से संपर्क भी कर रही है। इस कार्य से सभी को प्रेरणा मिलती है । दरअसल ये काम इतना सरल और इस समय इसकी इतनी मांग है कि आसानी से घर बैठे हजारों और लाखों की कमाई की  जा सकती है। बस इच्छाशक्ति हो तो लॉकडाउन भी उन्नति की राह खोल सकता है।

 

 
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