आदिवासियों ने तोड़े गैर आदिवासियों के मकान, तनाव की स्थिति के बाद एसपी और एसडीएम पहुंचे मौके पर | Adivasis break the houses of non-tribals

आदिवासियों ने तोड़े गैर आदिवासियों के मकान, तनाव की स्थिति के बाद एसपी और एसडीएम पहुंचे मौके पर

आदिवासियों ने तोड़े गैर आदिवासियों के मकान, तनाव की स्थिति के बाद एसपी और एसडीएम पहुंचे मौके पर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:50 PM IST, Published Date : March 7, 2019/12:43 pm IST

कांकेर। केशकाल क्षेत्रन्तर्गत ग्राम अरंडी में गुरुवार सुबह आदिवासी समाज द्वारा गैर आदिवासी के पांच परिवारों को घर से बेदखल करते हुए उनके मकानों को तोड़ दिया गया है। जिसे लेकर आस -पास तनाव की स्थिति निर्मित हो गई है। इस बारे में आदिवासीयो का आरोप है कि गैरआदिवासी परिवारों के द्वारा श्मशान घाट में अतिक्रमण किया जा रहा था। जिसके चलते ऐसा किया गया है।

ये भी पढ़ें –यहां सामने आया धान खरीदी में घोटाला, किसानों के खातों में जमा हुए लाखों और निकाल भी लिए

बताया जा रहा है कि गुरुवार सुबह 5 बजे करीब सौ से भी अधिक की संख्या में पहुंचे आदिवासियों ने इन लोगों को पहले बंधक बनाया, इसके बाद उनके मकानों पर जेसीबी चलाकर पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया। घटना के बाद से वहां तनाव को देखते हुए कोंडागांव एसपी सहित केशकाल एसडीएम मौके पर मौजूद हैं।

<iframe width=”560″ height=”315″ src=”https://www.youtube.com/embed/HQ_vHXjrUAs” frameborder=”0″ allow=”accelerometer; autoplay; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture” allowfullscreen></iframe>

दरअसल ग्राम अरन्डी में आदिवासी समाज के लोग इस मामले को रूढ़िगत ग्रामसभा का फैसला बता रहे है। आदिवासियों का आरोप है कि ये पांच परिवार के लोग हमारे पूर्वजों के श्मशान को क्षतिग्रस्‍त कर अवैध रूप से मकान बनाकर निवास कर रहे थे। जिसके बाद से हम शासन प्रशासन को कई बार अवगत कराये है लेकिन किसी भी प्रकार का कार्यवाही नही किया गया तब हम रूढ़िगत ग्रामसभा का फैसला मान कर 22 फरवरी 2019 को जिले के कलेक्टर,पुलिस अधिकारीयो को ज्ञापन सौंपकर दी गई थी। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। इस वजह से गुरुवार सुबह 5 बजे 100 से अधिक आदिवासी समाज के लोगों ने इकट्ठा होकर उनके घरों को तोड़ते हुए उन्‍हें बेदखल कर दिया।

ये भी पढ़ें –अमित शाह का बाइक रैली के साथ भव्य स्वागत,कार्यकर्ताओं को कहा-लोकसभा के लिए कस लें कमर

वही पीड़ित परिवार का कहना है कि हम लोग 30 साल से भी अधिक हो गया यहां रह रहे है। ग्रामीण के द्वारा ही हमे इस जगह को दिया गया था और आदिवासीयो का श्मशान घाट घर से बहुत दूर है। पूर्व में भी एसडीएम तहसीलदार के द्वारा पूरे जमीन का नाप किया गया था जिसमें हम जो निवासरत है उस जमीन से बहुत दूर में शमशान है और अभी हम लोग हाई कोर्ट में अपील किए हुए हैं जिसका निर्णय नहीं आया है । अब पीड़ित परिवार जिला प्रशासन व पुलिस से मदद की गुहार लगा रही है और उसी स्थान पर पुनः घर बनाने की मांग कर रहे हैं । इस पूरे मामले में जिला प्रशासन का कहना है कि यह मामला सामाजिक स्तर का है और हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही है। इस पर कोई भी हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। कोंडागांव एसपी का कहना है कि जो भी इस मामले से सनलिप्त है उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और पीड़ित परिवारों की भी सहायता की जाने की बात कही गयी । फिलहाल घटना स्थल पर पुलिस प्रशासन मौजूद है।

 
Flowers