कम समय में बिलासपुर में तैयार हुआ कोविड19 अस्पताल, 5 मरीजों का हो रहा इलाज | Bilspur District Build Covid19 Hospital in Short Period

कम समय में बिलासपुर में तैयार हुआ कोविड19 अस्पताल, 5 मरीजों का हो रहा इलाज

कम समय में बिलासपुर में तैयार हुआ कोविड19 अस्पताल, 5 मरीजों का हो रहा इलाज

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : May 17, 2020/4:58 pm IST

बिलासपुर: जिला चिकित्सालय को अत्यंत अल्प समय में उच्च गुणवत्ता मानकों के अनुसार कोविड अस्पताल के रूप में तैयार किया गया है। अस्पताल में इस समय सभी मापदंडों का पालन करते हुए कोरोना संक्रमित 5 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। एक सौ बिस्तरों वाले इस अस्पताल के प्रथम तल में चार जनरल वार्ड और 10 सिंगल-रूम हैं, जहां अटैच्ड शौचालय है। प्रत्येक जनरल वार्ड में दो शौचालय और दो स्नानागार हैं। चिकित्सालय चार वेंटिलेटर सहित पूर्ण रूप से अत्याधुनिक मशीनों एवं उपकरणों से सुसज्जित है। नए आईसीयू बेड, मल्टी पैरा मॉनिटर, सीसीटीव्ही, पेशेंट एड्रेसल सिस्टम, डॉनिंग एवं डॉफिंग जोन मानकों के अनुरूप स्थापित किए गए हैं।

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बिलासपुर जिला चिकित्सालय की सिविल सर्जन डॉ. मधुलिका सिंह ने बताया कि 15 मई 2020 से आए 5 मरीजों को यहां भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। महिला मरीज सिंगल रूम में है तथा शेष मरीज जनरल वार्ड नंबर-1, प्रथम तल में हैं। इनके समस्त वाईटल्स सामान्य हैं एवं प्रोतोकॉल के अनुसार इलाज किया जा रहा है। वर्तमान में भर्ती मरीजों को स्वच्छ एवं आरामदायक वार्डों में रखा गया है, जहां उन्हें नियमित रूप से चाय, नाश्ता, भोजन प्रदान किया जा रहा है। मनोरंजन के लिए वार्डों में टी.व्ही. डिश केबल के साथ उपलब्ध है। मरीजों को दैनिक उपयोग की चीजें जैसे ब्रश, टूथपेस्ट, साबुन, चप्पल, पहनने के कपड़े इत्यादि अस्पताल प्रबंधन द्वारा प्रदान किए गए हैं। अस्पताल प्रशासन द्वारा एक मोबाईल फोन भी रखा गया है जिससे मरीजों के घरवालों से बात कराई जा रही है।

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विशेषीकृत कोविड अस्पताल में पर्याप्त संख्या में पीपीई किट उपलब्ध हैं तथा प्रत्येक पाली में स्टाफ को नियमानुसार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मेडिकल स्टॉफ पाली समाप्त होने पर पीपीई को डॉफिंग जोन में उतारकर दो बार शॉवर लेने के उपरांत ही बाहर निकलकर रुकने के स्थान तक जाते हैं। अस्पताल में छह-छह घंटे की चार शिफ्ट में डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ की ड्यूटी लगाई गई है। इनमें डॉक्टर, स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वाय तथा सफाईकर्मी सहित कुल 15 स्टॉफ शामिल हैं। इसके अतिरिक्त दो विशेषज्ञ चिकित्सक ऑन-कॉल हैं।

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कोविड-19 के इलाज और देखरेख में लगे सभी स्टाफ के रहने और भोजन के लिए प्रशासन द्वारा सर्वसुविधायुक्त व्यवस्था की गई है। ये सभी कर्मचारी स्टराईल जोन से पीपीई पहनने के उपरांत ही वार्ड में प्रवेश करते हैं तथा ड्यूटी स्टेशन में लगे हुए सीसीटीवी इत्यादि की मदद से मरीजों की लगातार निगरानी रखते हुए उनका इलाज कर रहे हैं। आवश्यकता पड़ने पर मेडिकल विशेषज्ञ भी सेवाएं दे रहे हैं। अस्पताल में आवश्यक दवाएं तथा अन्य कन्ज्यूमेबल्स पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। एस.टी.पी. बनाने का कार्य भी अत्यंत तीव्र गति से चल रहा है, जिसके शीघ्र पूर्ण होने की संभावना है। वर्तमान में पानी उपचारित करने के लिए हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन का उपयोग किया जा रहा है।

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बिलासपुर का कोविड अस्पताल स्पष्ट रूप से स्टराइल एवं नान स्टराइल जोन में विभाजित है। वार्ड के अंदर नान-स्टराइल जोन में प्रवेश करने के पूर्व प्रत्येक कर्मी पीपीई अनिवार्य रूप से पहनते हैं। भोजन पहुंचाने हेतु कैंटीन का कर्मचारी स्टराईल जोन में निर्धारित स्थल पर मरीजों को भोजन, नाश्ता के पैकेट रखने हेतु प्रवेश करते हैं। इसके लिए सामान्यतः किसी भी प्रकार के पीपीई पहनने की आवश्यकता नहीं है, किंतु अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए सुरक्षा की दृष्टि से कैंटीन के कर्मियों को डिलीवरी किट के साथ भोजन पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। डिलीवरी किट भी एड्स, हेपेटाईटिस जैसे वायरस से बचाने के लिये सुरक्षा उपकरण हैं। राज्य शासन के उच्च अधिकारियों, जिला प्रशासन, सिम्स अस्पताल प्रबंधन और अस्पताल में कार्यरत विशेषज्ञों, डॉक्टरों एवं अन्य स्टॉफ के सहयोग से वहां कोरोना मरीजों का उपचार किया जा रहा है।

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