रायपुर। पूर्व गृहमंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने शांतिवार्ता के लिए नक्सलियों के पत्र पर कहा है कि नक्सली गुमराह करने के लिए इस तरह की बातें करते रहे हैं। वे पहले कहें कि वे भारत के संविधान पर विश्वास रखते हैं, वे सरकार से नि:शर्त वार्ता के लिए तैयार हो। नक्सली सभी हथियार सरकार के पास जमा कराने के लिए तैयार हो। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी शर्तों पर बात करेगी तो सरकार झुकेगी।
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छत्तीसगढ़ में आतंक का पर्याय बने माओवादी अब सरकार से वार्ता के लिए तैयार हैं। लेकिन वार्ता के लिए उन्होंने सरकार के सामने तीन शर्तें रखी हैं।
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नक्सलियों की पहली शर्त में संगठन पर प्रतिबंध हटाने की मांग शामिल है। जेलों में बंद माओवादियों को रिहा करने के साथ सशस्त्र बलों को हटाने की भी शर्त रखी गई है।
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प्रेस नोट जारी कर माओवादी प्रवक्ता ने ये तीनों मांग सरकार के सामने रखी है। बहरहाल अब देखना होगा कि नक्सलियों के इस प्रस्ताव के बाद सरकार की ओर से क्या पहल की जाती है।
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