लोकसभा में पेश किया गया तीन तलाक बिल, ओवैसी, आजम खान और रविशंकर प्रसाद ने दिया ये तर्क | cabinet minister ravishankar prasad present triple talaq bill in lokisabha

लोकसभा में पेश किया गया तीन तलाक बिल, ओवैसी, आजम खान और रविशंकर प्रसाद ने दिया ये तर्क

लोकसभा में पेश किया गया तीन तलाक बिल, ओवैसी, आजम खान और रविशंकर प्रसाद ने दिया ये तर्क

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : June 21, 2019/12:43 pm IST

नई दिल्ली: दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद पीएम मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य एक्शन मोड पर काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को मुस्लिम समाज की महिलाओं की हित को ध्यान में रखकर तीन तलाक का बील लोकसभा में पेश किया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया। ज्ञात हो कि मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान राज्यसभा में टिपल तलाक बिल पास नहीं हो पाया था। दरअसल, लोकसभा में किसी विधेयक के पारित हो जाने और राज्यसभा में उसके लंबित रहने की स्थिति में निचले सदन (लोकसभा) के भंग होने पर वह विधेयक निष्प्रभावी हो जाता है।

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ट्रिपल तलाक बिल का कांग्रेस ने विरोध करते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं का कहना है कि हम तीन तलाक का बचाव नहीं करते, लेकिन इस बिल विरोध करते हैं। क्योंकि यह बिज संविधान के खिलाफ है। इस बिल में कई खामियां है, जिसे दूर किया जाना चाहिए। बिल को पास करने से पहले स्टैंडिंग कमेटी केा भेजा जाए ताकि संवैधानिक खामियों को दूर कर सही किया जा सके।

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वहीं, इस बिल का विरोध कर रहे हैदराबाद से एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह बिल संविधान की अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है। इस बिल के अनुसार अगर किसी गैर मुस्लिम महिला के पति को एक साल की जेल होगी। जबकि मुस्लिम महिला के पति को तीन साल की जेल होगी। यह संविधान के खिलाफ है। आप महिलाओं के साथ नहीं हैं। जो पति तीन साल जेल में रहेगा तो महिला का भत्ता कौन देगा।

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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने संसद के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस्लाम में सबसे कम तलाक होते हैं और महिलाओं के खिलाफ भी हिंसा बेहद कम होती है। साथ ही ना तो उन्हें जलाया जाता है और ना ही उनकी हत्या की जाती है। आजम खान ने बेहद साफ कहा कि तीन तलाक एक धार्मिक मुद्दा है और मुसलमान के लिए कोई भी चीज कुरान से ऊपर नहीं है. कुरान में शादी, तलाक आदि हर चीज के लिए स्पष्ट निर्देश हैं।

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ट्रिपल तलाक के बिल को लेकर केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ट्रिपल तालक के पीड़ितों को न्याय देना कानून का काम है। मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की जाएगी। यह महिलाओं के न्याय और सशक्तिकरण के बारे में है। इस बिल के संबंध में सभी आपत्तियों का मैं जवाब दूंगा। यह बिल पूरी तरह संविधान की धाराओं का ध्यान में रखकर बनाया गया है। ये सवाल न सियासत है न पूजा का है न धर्म का है। यह सवाल नारी न्याय और नारी गरिमा का है।

 
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