बिलासपुर। हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ में डेंगू और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों के जांच केंद्र नहीं होने को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के कोर्ट में जमा किए गए एफिडेविट को भी पर्याप्त नहीं माना है और अगली सुनवाई में हेल्थ सेक्रेटरी व हेल्थ डायरेक्टर को उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने मामले की गंभीरता देखते हुए शासन से कहा है कि लोगों की जान से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। मामले की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी। राकेश दुबे और निरूपमा बाजपेयी ने हाईकोर्ट में एक याचिका लगाकर कहा था, कि बिलासपुर में स्वाइन फ्लू औऱ डेंगू जैसी बीमारियों की जांच करने वाला सेंटर ही नहीं है। यहां के मरीजों के ब्लड सैंपल बाहर जांच के लिए भेजे जाते हैं, जब उनकी जांच रिपोर्ट तीन–चार दिन बाद आती है तो इलाज शुरू होता है, तब तक बहुत देर हो जाती है।
यह भी पढ़ें : जोगी कांग्रेस और बसपा का गठबंधन, JCCJ 55 सीटों पर तो बीएसपी 35 सीट पर उतारेगी प्रत्याशी
इस मामले में कोर्ट ने राज्य शासन से जवाब–तलब किया था। शासन ने गुरुवार को जवाब पेश किया, लेकिन हाईकोर्ट जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ। मामला की सुनवाई चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच ने की।
वेब डेस्क, IBC24
PM Modi Khargone Visit: इस दिन खरगोन आ रहे पीएम…
6 hours ago