शिक्षाकर्मी महापंचायत में दिखाएंगे ताकत, बनेगी बड़े आंदोलन की रणनीति | CG Shikshakarmi Mahapanchayat:

शिक्षाकर्मी महापंचायत में दिखाएंगे ताकत, बनेगी बड़े आंदोलन की रणनीति

शिक्षाकर्मी महापंचायत में दिखाएंगे ताकत, बनेगी बड़े आंदोलन की रणनीति

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:58 PM IST, Published Date : May 8, 2018/3:25 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मी संविलियन के लिए 11 मई को महापंचायत में ताकत दिखाने की तैयारी में है। इसके लिए राजधानी में प्रदेश भर से एक लाख 80 शिक्षाकर्मियों को जुटने की अपील की गई है। हालांकि शिक्षाकर्मियों को बूढ़ातालाब धरना स्थल में महापंचायत के लिए प्रशासन से अनुमति नहीं मिली है, लेकिन वे महापंचायत के लिए अड़े हुए हैं।

शिक्षक नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश संचालक वीरेंद्र दुबे ने आरोप लगाया कि उनकी मांगों को लगातार टालमटोल का रवैया अपनाया जा रहा है। ऐसे में शिक्षाकर्मियों में असंतोष है और वे बड़े आंदोलन के मूड में है। 11 मई को प्रस्तावित महापंचायत में आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मोर्चा के पदाधिकारी और प्रदेश भर के शिक्षाकर्मियों की सहमति से आगे की कार्ययोजना तय की जाएगी।

 ये भी पढ़ें- शिक्षाकर्मियों की समस्याओं की फेहरिस्त, निपटारे के लिए सीईओ कांफ्रेंस में मांगा निर्देश

महापंचायत के लिए बूढ़ातालाब धरना स्थल में अनुमति के लिए शिक्षाकर्मी मोर्चा ने कलेक्टर ओपी चौधरी से मुलाकात की थी। कलेक्टर ने आश्वस्त किया है कि महापंचायत के स्थान के लिए उच्चाधिकारियों से बातचीत के बाद निर्णय लेंगे। प्रतिनिधिमंडल में मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे, केदार जैन, उप संचालक धर्मेश शर्मा  सहित अन्य शामिल थे। उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी शिक्षाकर्मियों के आंदोलन को अनुमति प्रदान नहीं की गई थी और रायपुर में धारा 144 लगा दी गई।  पूरे राज्य में पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया तथा लोगों को राजधानी पहुंचने से रोका गया। मोर्चा ने आरोप लगाया कि आंदोलन को रोकने की हरसंभव कोशिश की गई थी।

ये भी पढ़ें-शिक्षाकर्मी महासम्मेलन से पहले सरकार का दांव, वेतन-प्रमोशन व पेंशन निपटारे पर होगी CEO’S से बात

शिक्षाकर्मियों ने स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन की प्रमुख मांग को लेकर पिछले साल 20 नंवबर से 4 दिसंबर तक राज्य में अनिश्चितकालीन शाला बहिष्कार कर आंदोलन किया था जिससे राज्य में पूर्ण शालाबंदी की स्थिति निर्मित हो गई थी ।मोर्चा ने छात्र हित में शून्य पर 4 दिसंबर को आंदोलन स्थगित किया तथा सरकार ने भी तुरंत समस्याओं के समाधान के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 8 सदस्य उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। समिति ने निर्धारित 3 माह के कार्यकाल के स्थान पर 5 माह में भी सरकार को प्रतिवेदन नहीं सौंपा,  न ही सरकार ने अब तक कोई सार्थक समाधान कारक निर्णय लिया। मोर्चा पदाधिकारियों का कहना है कि राज्य में केवल शिक्षाकर्मी संवर्ग ऐसा है, जिसे विगत 2 वर्षों में किसी भी तरह का आर्थिक लाभ नहीं दिया गया है।

ये भी पढ़ें- राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ दौरे को अजीत जोगी की चुनौती…

उन्हें जुलाई 2016 से अब तक महंगाई भत्ते की एक किस्त तक नहीं दी गई है जबकि अन्य कर्मचारियों को सातवां वेतनमान भी दिया गया है। मोर्चा ने निर्णय लिया है कि 11 मई को राजधानी रायपुर में संवर्ग के कर्मचारियों की महापंचायत बुलाकर स्थिति की समीक्षा करेंगे तथा आगे की रणनीति तय करेंगे।

ये भी पढ़ें- शिक्षाकर्मी संविलियन के लिए एक और अध्ययन दल तैयार, 10 से मप्र का दौरा

उधर, आज मोर्चा के प्रतिनिधिमण्डल ने प्रदेश संचालक  विरेन्द्र दुबे  के नेतृत्व में सर्वशिक्षा अभियान के डायरेक्टर एस प्रकाश से एसएसए मद के वेतन भुगतान में हो रही देरी को लेकर मुलाकात की। उन्होंने बताया कि 3 माह के वेतन आबंटन का प्रस्ताव वित्त विभाग को दिया जा चुका है। जैसे ही वित्त विभाग की स्वीकृति मिलती है, जिलों को आबंटन जारी कर दिया जाएगा।

 

वेब डेस्क IBC24