सीएम भूपेश ने मंत्री पीयूष गोयल को लिखा पत्र, चावल उपार्जन की जल्द मांगी अनुमति, बोले- किसानों को MSP पर धान बेचने में होगी समस्या | CM Bhupesh wrote a letter to Minister Piyush Goyal

सीएम भूपेश ने मंत्री पीयूष गोयल को लिखा पत्र, चावल उपार्जन की जल्द मांगी अनुमति, बोले- किसानों को MSP पर धान बेचने में होगी समस्या

सीएम भूपेश ने मंत्री पीयूष गोयल को लिखा पत्र, चावल उपार्जन की जल्द मांगी अनुमति, बोले- किसानों को MSP पर धान बेचने में होगी समस्या

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : December 27, 2020/3:19 pm IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिख राज्य के किसानों के हित में पूर्व सैद्धांतिक सहमति के अनुसार खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में भारतीय खाद्य निगम में 26 लाख मेट्रिक टन उसना चावल एवं 14 लाख मेट्रिक टन अरवा चावल उपार्जन की अनुमति शीघ्र प्रदान करने का अनुरोध किया है।

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बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि – खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित किए जाने वाले धान के कस्टम मिलिंग उपरांत 60 लाख मेट्रिक टन चावल केन्द्रीय पूल में जमा करने की सैद्धांतिक सहमति भारत सरकार द्वारा दी गई है, परंतु भारत सरकार के स्तर से समुचित आदेश प्रसारित न होने के कारण एफ.सी.आई. के द्वारा चावल जमा नहीं हो पा रहा है। इस संदर्भ में भारत सरकार को छत्तीसगढ़ राज्य से 26 लाख मे. टन उसना चावल एवं 14 लाख मे. टन अरवा चावल एफ.सी.आई. में जमा करने की अनुमति हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया जा चुका है।

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इस विषय पर भारत सरकार व छत्तीसगढ़ राज्य के अधिकारियों के मध्य निरंतर चर्चा भी होती रही है। साथ ही इस विषय पर मेरे द्वारा भी आपको पत्र के माध्यम से एवं व्यक्तिगत चर्चा कर समुचित अनुमति हेतु अनुरोध किया गया है। जिस पर आपके द्वारा शीघ्र आदेश जारी करने का आश्वासन भी प्रदान किया गया, किंतु आज दिनांक तक इस संबंध में भारत सरकार से यथोचित अनुमति नहीं प्राप्त हुई है।

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बघेल ने कहा है कि -मैं आपको अवगत कराना चाहूँगा कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान उपार्जन हेतु भारत सरकार द्वारा राज्य को 3.50 लाख गठान नये जूट बारदानों की आवश्यकता के विरूद्ध मात्र 1.45 लाख गठान नये जूट बारदाने प्रदान करने की सहमति दी गई है, इनमें से भी अब तक केवल 1.05 लाख गठान नये जूट बारदाने ही राज्य को प्राप्त हुये हैं। आप सहमत होगें कि राज्य को उसकी वास्तविक आवश्यकता की तुलना में काफी कम मात्रा में बारदाने प्राप्त हुए हैं। ऐसी परिस्थिति में भारतीय खाद्य निगम में कस्टम मिलिंग चावल जमा कराने का आदेश न मिल पाने के कारण मिलिंग पश्चात् मिलर से प्राप्त होने वाले बारदानों की भी कमी की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

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जिसके कारण राज्य सरकार के पर्याप्त वैकल्पिक प्रयासों के बावजूद न्यूनतम् समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का कार्य प्रभावित होने एवं समय-सीमा में खरीदी पूर्ण नहीं होने की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इससे राज्य के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने में समस्या होगी। अतः राज्य के किसानों के हित में यह अनुरोध है कि भारत सरकार से प्राप्त पूर्व सैद्धांतिक सहमति के तारतम्य में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में भारतीय खाद्य निगम में 26 लाख मेट्रिक टन उसना चावल एवं 14 लाख मेट्रिक टन अरवा चावल उपार्जन की अनुमति शीघ्र प्रदान की जाए।