चीन से कारोबार समेट रहीं कंपनियां तलाश रहीं 'न्यू इंडिया' में मौका, देखें क्या है मोदी सरकार की नई लुभावनी पॉलिसी | Companies in China looking for opportunity in 'New India' See what is the new breathtaking policy of Modi government

चीन से कारोबार समेट रहीं कंपनियां तलाश रहीं ‘न्यू इंडिया’ में मौका, देखें क्या है मोदी सरकार की नई लुभावनी पॉलिसी

चीन से कारोबार समेट रहीं कंपनियां तलाश रहीं 'न्यू इंडिया' में मौका, देखें क्या है मोदी सरकार की नई लुभावनी पॉलिसी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : April 21, 2020/8:23 am IST

कारोबार । चीन के वुहान से पैदा हुआ कोरोना वायरस पूरी दुनिया को अपनी जद में ले चुका है। पूरे विश्व में लॉकडाउन की वजह से मंदी आ चुकी है। चीन में भी इकोनॉमी नेस्तनाबूत हो चुकी है। पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। कंपनियां चीन छोड़ रहीं हैं। वहीं कारोबार के लिहाज से भारत के लिए एक अच्छी खबर है। चीन में कारोबार कर रही करीब 1000 कंपनियां अब भारत में मौका तलाश रहीं हैं।

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मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कोरोना वायरस के कारण चीन में विदेशी कंपनियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा । इस माहौल में लगभग 1000 विदेशी कंपनियां भारत में व्यापार करने के विषय में गंभीरता से सोच रही हैं। इनमें से करीब 300 कंपनियां भारत में कारोबार शुरु करने के लिए मोदी सरकार के संपर्क में हैं। ये कंपनियां सरकारी अधिकारियों से निवेश के संबंध में चर्चा कर रहीं हैं।

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जानकारी के मुताबिक भारत में निवेश की इच्छुक 300 कंपनियां मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल डिवाइसेज, टेक्सटाइल्स और सिंथेटिक फैब्रिक्स के क्षेत्र में निवेश करना चाहती हैं। चीन मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल कर चुका है, यदि ये कंपनियां चीन से अपना कारोबार समेट लेती हैं तो भारत के पास प्रोडक्शन हब बनने का मौका होगा।

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वहीं इस स्थिति को देखते हुए मोदी सरकार लगातार विदेशी निवेशकों में लुभाने में जुटी है। इसके लिए सरकार ने कई बड़े ऐलान भी किए हैं। बीते साल कॉर्पोरेट टैक्स को घटाकर 25.17 फीसदी कर दिया था। वहीं नई फैक्ट्रियां लगाने वालों के लिए ये टैक्स घटकर 17 फीसदी पर ला दिया गया है। यह टैक्स दक्षिण-पूर्व एशिया में सबसे कम है।

सरकार ने मिनिमम अल्टरनेट टैक्स (MAT) में भी राहत दी है। कंपनियों को अब 18.5 फीसदी की बजाय 15 फीसदी की दर से मैट देना होता है। दरअसल, MAT उन कंपनियों पर लगाया जाता है जो मुनाफा तो कमाती हैं लेकिन रियायतों की वजह से इन पर टैक्‍स की देनदारी कम होती है।