नगरीय निकाय चुनाव से पहले सांसद और नगर निगम कमिश्नर के बीच टकराव, सीएम तक पहुंचेगी शिकायत | Confrontation between CM and Municipal Commissioner before urban body elections, complaint will reach CM

नगरीय निकाय चुनाव से पहले सांसद और नगर निगम कमिश्नर के बीच टकराव, सीएम तक पहुंचेगी शिकायत

नगरीय निकाय चुनाव से पहले सांसद और नगर निगम कमिश्नर के बीच टकराव, सीएम तक पहुंचेगी शिकायत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : November 16, 2020/1:01 pm IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश की 28 विधानसभाओं के चुनाव निपट चुके हैं। दोबारा से मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार आ गई है. अब सबकी निगाहें नगरीय निकाय चुनाव पर है। कांग्रेस-बीजेपी से लेकर छोटे दल अब निकायों की तैयारियों में जुट गए हैं। निकाय चुनाव में अपनी पार्टी का परचम लहरा सकें…इस जुगत में लगे हुए हैं। लेकिन इस बीच मौजूदा बीजेपी शासित निकायों से अच्छी खबर नहीं है। वहां के जन प्रतिनिधि सरकारी मशीनरी से खुश नहीं हैं…. ताजा मामला ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर और सांसद विवेक शेजवलकर के बीच का है। विवेक शेजवलकर ग्वालियर नगर निगम के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं। जिसके चलते उन्होनें IBC24 से कहा है कि अगर यही हालात रहे…तो बीजेपी के लिए नगर निगम के चुनाव में बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। जिसको लेकर वे अब सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान से बात करने वाले हैं।

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उपचुनाव के बाद अब नगरीय निकाय चुनाव की आहट भी शुरू हो गई है। कहा जा रहा है, चुनाव आयोग मध्य प्रदेश में दिसंबर महीने में चुनाव कराना चाहता है। ऐसे में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में वार्डों का आरक्षण हो गया है, जहां वार्डों का आरक्षण रह गया है, तो आरक्षण की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। लेकिन बीजेपी नगरीय निकायों की सरकारी मशीनरी से खुश नहीं है। जिसके चलते….ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर का कहना है कि ग्वालियर शहर में गंदगी का अंबार लगा है..कई योजनाएं अधूरी पड़ी हैं, तो वहीं निगम का खजाना खाली हो चुका है। जिससे कर्मचारियों को वेतन देने में भी समस्या आ रही है। अगर यही हालात रहे तो बीजेपी को निगम के चुनाव में जीतना मुश्किल हो जाएगा।

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सांसद विवेक शेजवलकर ने ग्वालियर नगर निगम की कार्यशैली को लेकर बीते दिनों भी तकरीबन एक दर्जन पत्र निगम कमिश्नर को लिखे थे..जिसका आज तक कोई जवाब नहीं आया है। लेकिन अब सांसद शेजवलकर आर पार की लड़ाई के मूड में हैं। वे अब सूबे के मुखिया यानि की सीएम शिवराज सिंह चौहान से ग्वालियर नगर निगम को लेकर बिंदुवार चर्चा और पत्राचार करने जा रहे हैं। वहीं इस मामले में निगम कमिश्नर कुछ भी कहने से बच रहे हैं, लेकिन कांग्रेस को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया है। वह सांसद की नारजगी से शिवराज सरकार और नगर निगम पर तंज कस रही है। कांग्रेस का कहना है कि पार्टी पूरी तैयारी के साथ मैदान में इस बार ज्यादा से ज्यादा निकायों में खड़ी नजर आएंगी।

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मध्य प्रदेश में नगरीय निकायों की स्थिति की बात करें तो प्रदेश में 16 नगर निगम हैं, सभी पर बीजेपी काबिज है। 98 नगर पालिका और 272 नगर परिषद है। यहां भी आधिकांश पर बीजेपी काबिज है। वैसे देखा जाएं..तो नगरीय निकाय चुनाव से पहले जन प्रतिनिधियों का गुस्सा इसलिए भी वाजिब है…क्योंकि ग्वालियर नगर निगम सहित सूबे के अलग-अलग निकायों में केंद्र और राज्य की योजनाएं ठंडे बस्ते में पड़ी हैं। जिससे आम लोगों को परेशानी हो रही है, तो वहीं कई नगरीय निकायों में सफाई का ठेका संभालने वाली इको ग्रीन कंपनी ने….. सफाई व्यवस्था से हाथ खड़े कर दिए हैं। जिसके कारण शहर भर में कचरे का अंबार लगा हुआ है, तो वहीं निगम के माली हालत खराब होने से आउट सोर्स कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। जिसके कारण दिनों दिन हालत खराब हो रहे हैं, तो वहीं प्रदर्शन का दौर जारी है। ऐेसे में सत्ताधारी दल के जनप्रतिनिधियों में चिंता है, तो वहीं कांग्रेस उनकी इस चिंता को कैश कराने में जुटी हुई है।

 
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