मजबूत इरादों के साथ चार दिव्यांगों ने इंग्‍लिश चैनल की लहरों को पार किया, रचा इतिहास | Crossed English Channel:

मजबूत इरादों के साथ चार दिव्यांगों ने इंग्‍लिश चैनल की लहरों को पार किया, रचा इतिहास

मजबूत इरादों के साथ चार दिव्यांगों ने इंग्‍लिश चैनल की लहरों को पार किया, रचा इतिहास

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : June 26, 2018/10:59 am IST

नई दिल्ली। मजबूत इरादे और कुछ कर गुजरने की चाह हो तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। ये उदहारण पेश किया है, देश के अलग-अलग राज्यों के चारों दिव्यांगों ने।  इन चारों दिव्यांगों ने  इंग्‍लिश चैनल पार करने का निर्णय लिया और अपने मिशन में सफल रहे, इन चारों ने 36 किलोमीटर लंबा इंग्लिश चैनल 12 घंटे 26 मिनट में पार करने का रिकॉर्ड बनाया है। ये राह इतनी आसान नहीं थी, अपनी महीनों की मेहनत के बल पर  टीम में मध्यप्रदेश के सत्येंद्र सिंह लोहिया, राजस्थान के जगदीशचंद्र तैली, महाराष्ट्र के चेतन राउत और बंगाल के रिमो शाह शामिल हुए। 

ये राह इतनी आसान नहीं थी,  36 किलोमीटर लंबा इंग्लिश चैनल को फतह करने वाले इन चारों की राह में आई दिक्कतें भी भिन्न हैं। किसी की आर्थिक तंगी, किसी ने लोगों के तानों का सामना किया तो किसी ने झील में तैरकर समुद्र में तैरने का हौसला जुटाया।  

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अपने सफर के बारे में ग्वालियर निवासी 31 वर्षीय सत्येंद्र कहते हैं कि  अप्रैल 2017 में भोपाल में मध्यप्रदेश के खेल विभाग के अधिकारियों से मैंने इंग्लिश चैनल पार करने की इच्छा जाहिर की थी। अधिकारियों ने हंसी उड़ाते हुए भोपाल का बड़ा तालाब तैरकर पार करने का चैलेंज दिया था। दोनों पैरों से 75 फीसद दिव्‍यांग सत्येंद्र ने बीते वर्ष मई से ही तैयारी शुरू कर दी थी। उस वक्त उन्होंने 36 किलोमीटर के अरब सागर को पार किया था। जिसमें उन्हें 5 घंटे और 43 मिनट का वक्त लगा था। सत्येंद्र ऐसे पहले भारतीय हैं जिन्होंने 75 फीसदी दिव्यांगता के बावजूद भी अरब सागर में 36 किलोमीटर तक तैराकी की।   जब सरकार का व्यवहार रुखा रहा तो कुछ गैर-सरकारी संगठनों ने मदद का हाथ बढ़ाया लेकिन वो काफी नहीं था। इसके लिए सत्येंद्र को अपना घर गिरवी रखना पड़ा।

अपने सफर के बार में 34 वर्षीय जगदीशचंन्द्र तैली का कहना है कि उन्होंने तैरने की शुरूआत झील से की थी। क्योंकि पिता किसान हैं, इसलिए मैं मुंबई जाकर कई जगहों पर लोगों को स्विमिंग सिखाई।  अमरावती के रहने वाले 24 वर्षीय चेतन राउत दाएं पैर से 50 फीसद दिव्यांग हैं। वहीं, एक और दिव्यांग  चेतन ने बताते हैं, ‘पिता स्कूल में चपरासी थे। तैराकी के लिए उन्होंने मुझे पुणे भेजा। दो साल पहले हादसे में उनकी  जान चली गई। इसके बाद इंग्लिश चैनल पार करने के लिए लंदन जाने तक के पैसे नहीं थे।  

कैसे पार किया इंग्लिश चैनल

बता दें कि चारों तैराकों को बारी के हिसाब से एक-एक घंटा तैरना था और आगे बढ़ना था, सफर की शुरूआत की राजस्थान के जगदीशचंद्र तैली ने, दूसरे नंबर पर तैरे महाराष्ट्र के चेतन राउत और तीसरे बार बंगाल के रिमो, वहीं चौथे नंबर मध्य प्रदेश के सत्येंद्र का था। इंग्लिश चैनल अटलांटिक महासागर का हिस्सा है जो दक्षिणी इंग्लैंड को उत्तरी फ्रांस से अलग करता है और उत्तरी सागर को अटलांटिक से जोड़ता है। इसकी लंबाई 560 किलोमीटर है, लेकिन तैरने के लिए इसकी मानक दूरी करीब 35 किलोमीटर है।  

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सीएम शिवराज ने दी बधाई 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया और कहा- हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति से ज्यादा ऊंचे सपने कभी भी नहीं हो सकते हैं। मध्य प्रदेश के सपूत सतेन्द्र सिंह ने ये साबित कर दिया है। उन्होंने 4 सदस्यीय भारतीय पैरा-स्विमिंग टीम के एक हिस्से के रूप में इंग्लिश चैनल को तैरकर पार कर लिया है। उन्हें और उनकी टीम को उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए सबसे हार्दिक बधाई।

वेब डेस्क, IBC24

 
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