रायपुर। आज, 22 अप्रैल, बुधवार को वैशाख माह की अमावस्या है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन श्राद्ध, तर्पण, पूजा-पाठ और दान का विधान है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अमावस्या तिथि पर कालसर्प दोष निवारण और शनि दोष शांति पूजा भी की जाती है।
ये भी पढ़ें:24 अप्रैल से शुरु हो रहा पाक रमज़ान का महीना, कलेक्टर ने की मुस्लिम धर्मावलंब…
हिंदू पंचाग के अनुसार कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पितरों के लिए की गई पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ये भी पढ़ें: 26 अप्रैल को मनाई जाएगी भगवान परशुराम जयंती, जानिए ये खास बातें
अमावस्या के दिन पितरों की विशेष पूजा का महत्व है। इस पावन तिथि पर पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध करने का बहुत अधिक महत्व है। संभव हो तो इस दिन पितरों की तृप्ति के लिए व्रत भी रखना चाहिए। अन्न और जल का दान करना चाहिए।
ये भी पढ़ें: मंगल को इस प्रकार करें हनुमत् आराधना, कभी नही होगा आपका अमंगल
कोरोना वायरस के कारण संपूर्ण देश में लॅाकडाउन चल रहा है, जिस वजह से घर से बाहर निकलने की मनाही है। ऐसे में किसी भी तीर्थ में जाना संभव नहीं है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं घर में रहकर ही पितरों की तृप्ति के लिए कर्म कैसे करें। नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर सन्ना करे। इस दिन नहाने के जल में तिल डालकर स्नान करना चाहिए।
ये भी पढ़ें: यहां स्थापित हैं स्वयं महामृत्युंजय, दर्शन मात्र से पूरी होती है मन…
अपने मन में पितरों की तृप्ति का संकल्प लें और जल, अन्न का दान करें। किसी गरीब को भोजन करवाएं। सात्विक भोजन बनाएं और गाय को भोजन खिलाएं। अमावस्या के पावन दिन पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पितरों का आशिर्वाद मिलता है। इस पावन तिथि पर अपनी क्षमता के अनुुसार दान करें।
Zodiac Signs: इन ग्रहों के मिलन से बन रहा बेहद…
11 hours agoAngarak Yoga: इस योग से सावधान रहे यह तीन राशि…
22 hours agoआज श्रीहरि की कृपा से चमकेगा इन राशियों का भाग्य,…
23 hours ago