पूर्व सीएम रमन सिंह ने की मांग, अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को लाने बनाई जाए हाई पॉवर कमेटी, खाते में डाली जाए राशि | Former CM Raman Singh demanded, high power committee should be made to bring laborers trapped in other states

पूर्व सीएम रमन सिंह ने की मांग, अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को लाने बनाई जाए हाई पॉवर कमेटी, खाते में डाली जाए राशि

पूर्व सीएम रमन सिंह ने की मांग, अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को लाने बनाई जाए हाई पॉवर कमेटी, खाते में डाली जाए राशि

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:41 PM IST, Published Date : April 25, 2020/11:11 am IST

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने आज प्रेस वार्ता में कहा कि बस्तर के सभी 7 जिलों के मजदूर इमली तोड़ने एवं मजदूरी की तलाश में तेलंगाना, महाराष्ट्र, सीमान्ध्र एवं उड़ीसा जाते हैं, लाॅकडाउन की वजह से ठेकेदारों ने वहां काम बंद कर दिया है हजारों मजदूर बेरोजगार हो गये हैं। भूखे प्यासे मजदूर मजबूरी में पैदल छत्तीसगढ़ की ओर आ रहे हैं, ये संख्या हजारों में है। ऐसे में मजदूरों को लाने हाईपॉवर कमेटी बनाकर उचित व्यवस्था की जाए व मजदूरों को तब तक वहीं रोकने का प्रबंध कर उनके खाते में राहत राशि डाली जाए।

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पूर्व सीएम ने कहा कि अनुमान के अनुसार 50 हजार से ज्यादा मजदूर बस्तर से पलायन कर सीमा से लगे प्रांतों में गए हैं, जो जानकारी आई है उसके अनुसार बीजापुर, दन्तेवाड़ा, सुकमा एवं बस्तर जिले से ही 30 हजार से अधिक मजदूर पलायन कर गए हैं। लाॅकडाउन की सबसे पीड़ा जनक तस्वीर देखने को सामने आई है, जब तेलंगाना से चलते हुए 12 प्रवासी मजदूरों का दल तेलंगाना के पेरूर गांव से रवाना हुए, वे 16 अप्रैल को निकले एवं 100 किलो मीटर यात्रा तय कर मोदकपाल ही पहुंच पाए, इस दौरान मासूम बच्ची जमलो मड़कामी की मृत्यु हो गई, 3 दिन बाद बच्ची का पोस्टमार्डम बीजापुर में हुआ और डाॅ. ने कोरोना निगेटिव घोषित किया।

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उन्होने कहा कि सुकमा जिले के वेटटी हिड़मा एवं पोड़यामी भीमा की ईलाज के अभाव में मौत हो गई, कुरतीपार के 20 ग्रामीण लौटे थे इन्हे सर्दी, जुकाम एवं बुखार का ईलाज किया गया, ये मजदूर हजारों की संख्या में सीमा से छत्तीसगढ़ में जंगल के रास्ते से प्रतिदिन प्रवेश कर रहे हैं, इन मजदूरों को ग्रामवासी ग्राम के बाहर पेड़ के नीचे रोके हुए हैं, बीजापुर जिले में 10,000 मजदूर निकटवर्ती प्रदेश के आये हैं। दंतेवाड़ा जिले में 2000 हजार, सुकमा जिले में भी हजारों की संख्या में मजदूर आये हुए हैं, जिनको क्वांरेटाइन में रखा गया है। वहीं बस्तर के 41 शिविरों में 1000 मजदूरों को रखा गया है।

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पूर्व सीएम ने कहा कि बस्तर में ऐसे भी चिकित्सकों की कमी है, उपरोक्त कठिन परिस्थिति को देखते हुए, माननीय मुख्यमंत्री जी से आग्रह है कि अन्य राज्य में फंसे मजदूर जहां भी है उन्हें वहीं रोकने का आग्रह किया जाये, संबंधित जिला कलेक्टर वहां के कलेक्टर से संपर्क करें। जिलेवार सूची तैयार करके बस में लाने की व्यवस्था संपूर्ण सुरक्षा के साथ चिकित्सकों की टीम के साथ छत्तीसगढ़ लाया जाये ताकि और मौत से बचा जा सके।

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उन्होने कहा कि यह छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी समस्या है, इसकी मानिटिरिंग की हाई पॉवर कमेटी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाकर संबंधित जिलों के विधायक, सांसद एवं अन्य जनप्रतिनिधियों से राय लेकर रोज उसकी मानिटिरिंग की जाये। प्रदेश के बाहर गये मजदूरों के खाते में कम से कम 1 हजार राशि तत्काल डाला जाये।