टॉप 20 में प्रदर्शन के आधार पर आने वाले विश्वविद्यालयों के लिए 10 हजार करोड़ का फंड | Funds of Rs 10 thousand crore for universities coming out on the basis of performance in the top 20

टॉप 20 में प्रदर्शन के आधार पर आने वाले विश्वविद्यालयों के लिए 10 हजार करोड़ का फंड

टॉप 20 में प्रदर्शन के आधार पर आने वाले विश्वविद्यालयों के लिए 10 हजार करोड़ का फंड

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : October 14, 2017/8:06 am IST

 

पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अगले 5 साल के भीतर भारत के शिक्षा संस्थानों को विश्व स्तरीय बनाने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जाएगी। उन्होंने कहा कि 10 निजी और 10 सार्वजनिक यूनिवर्सिटियों को ये फंड मिलेगा, लेकिन इसके चयन का एकमात्र आधार इन शिक्षण संस्थानों का प्रदर्शन होगा। 

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प्रधानमंत्री ने ये भी साफ किया कि इन विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन का आकलन सरकार और राजनेता नहीं करेंगे, बल्कि एक्सपर्ट कमिटी (विशेषज्ञ समिति) ही इनके प्रदर्शन को परखेगी। पीएम मोदी ने अपील की है कि पटना यूनिवर्सि‍टी भी आगे आए और इस योजना से जुड़े.

पटना यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स और प्रशासन इस योजना में शामिल होने के लिए कोशिश करें। IIM का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस नई योजना के तहत देश के 10 निजी यूनिवर्सिटी और 10 पब्लिक यूनिवर्सिटी को सरकार के कानूनों से मुक्ति देने की योजना है. पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में भाग लेने के दौरान प्रधानमंत्री ने ये बात कही। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार एक ऐसा राज्य है, जिसे ज्ञान और गंगा का अदभुत उपहार मिला हुआ है। जितनी पुरानी गंगा धारा है, बि‍हार के पास उतनी पुरानी ज्ञान धारा की विरासत है. नालंदा को कौन भूल सकता है? उन्होंने कहा कि बिहार के पास सरस्वती मां (विद्या की देवी) की कृपा है, लक्ष्मी (धन की देवी) की कृपा भी बन सकती है. 

नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिहार में सरस्वती और लक्ष्मी को एक साथ चलाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के किसी भी राज्य में वरिष्ठ सिविल सेवा अधिकारियों में ऐसे लोग हैं, जिन्होंने बिहार से और पटना विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। सिविल सर्विसेज परीक्षा में पहले पांच में बिहार का कोई स्टूडेंट न हो ऐसा नहीं हो सकता है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में वही देश विकास कर सकता है जो इनोवेशन को लागू करे. शिक्षा का उद्देश्य है दिमाग को खाली और खुला करना लेकिन हमारा जोर हमेशा दिमाग को भरने में रहा. अब इसमें बदलाव लाना होगा. आज चुनौती यह नहीं है कि क्या नया सिखाएं, बल्कि‍ यह है कि पुराना कैसे भूलाएं? अनलर्न करना, लर्न करना, रीलर्न करना आज की जरूरत है. 

दिमाग खोलने का अभियान चलाना होगा. दिमाग जब खाली होगा तो नई चीजों को भरने की जगह बनेगी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग इसी समारोह में की थी, जिसके जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्रीय यूनिवर्सि‍टी बीते हुए कल की बात है. मैं उससे आगे ले जाना चाहता हूं. भारत के पास टैलेंट की कमी नहीं है.

आज हमारे पास 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम के युवा की है. मेरा हिंदोस्तान जवां है, मेरे हिंदोस्तान की सपने भी जवां है. स्टार्टअप की दुनिया में आज भारत चौथे नंबर पर खड़ा है, देखते देखते वह नंबर 1 पर होगा. दुनिया हमें सांप संपेरों का देश मानती थी. पहले लोग सोचते थे भारत यानी भूत प्रेत, भारत माने अंधविश्वास, लेकिन जब आईटी रेवोल्यूशन में हमारे बच्चों ने ऊंगलियों पर दुनिया दिखाना शुरू कर दिया तो दुनिया की आंखें खुल गई.

 

वेब डेस्क, IBC24

 

 

 

 

परमेंद्र मोहन, वेब डेस्क, IBC24

 

 

 

 

 

 

 

 

 
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