गैंगस्टर विकास दुबे के हथियार बरामद, अमेरिकन सेमी ऑटोमेटिक रायफल से की ​थी 8 पुलिस वालों की हत्या, दो तस्कर गिरफ्तार | Gangster Vikas Dubey's arms recovered, killed 8 policemen from American semi automatic rifle, two smugglers arrested

गैंगस्टर विकास दुबे के हथियार बरामद, अमेरिकन सेमी ऑटोमेटिक रायफल से की ​थी 8 पुलिस वालों की हत्या, दो तस्कर गिरफ्तार

गैंगस्टर विकास दुबे के हथियार बरामद, अमेरिकन सेमी ऑटोमेटिक रायफल से की ​थी 8 पुलिस वालों की हत्या, दो तस्कर गिरफ्तार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : March 6, 2021/11:02 am IST

भिंड। उत्तर प्रदेश के कानपुर के बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे ने बीते दिनों अमेरिकन सेमी ऑटोमेटिक रायफल से 8 पुलिस वालों की हत्या कर दी थी। इस हथियार को अब बरामद किया गया है। एक 12 बोर की बंदूक भी जब्त की गई है। साथ दो तस्कर अभिषेक शर्मा और आकाश कुशवाह गिरफ्तार हुए हैं। शहर के शास्त्री नगर B ब्लॉक से गिरफ्तारी हुई है। एसपी मनोज सिंह के निर्देश पर कार्रवाई की गई है।

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कहा जा रहा है कि यह वही रायफल है, जिसके दम पर प्रथम विश्वयुद्ध में जिससे अमेरिकी सेना ने दुश्मन देशों को मात दी थी। इधर कानपुर बिकरू कांड में इस्तेमाल हुई विकास दुबे के भांजे शिव तिवारी की सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल को लेकर पुलिस ने बड़ा दावा किया है, पुलिस का दावा है कि गनहाउस संचालक ने रायफल के ऑटोमेटिक फंक्शन को बिना निष्क्रिय किए ही विकास दुबे को बेच दिया था, स्पेशल टास्कफोर्स (एसटीएफ) ने जो रायफल बरामद की है, उसमें ऑटोमेटिक फंक्शन सक्रिय मिला है, अब एसटीएफ ने जिला और पुलिस प्रशासन को भेजी रिपोर्ट में गनहाउस संचालक पर कार्रवाई की अनुशंसा की है।

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बता दें कि सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल प्रतिबंधित हथियार है, नियमानुसार लाइसेंसी हथियार के रूप में उसका प्रयोग नहीं किया जा सकता है, अमेरिका सेना प्रथम विश्वयुद्ध में इसी रायफल के साथ उतरी थी, आजादी के बाद भारतीय सेना भी 30.06 बोर की सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल का प्रयोग करती थी, लेकिन अब इसका प्रयोग नहीं होता। सेना कंडम हो चुके इन हथियारों को रिटायर होने वाले अपने अधिकारियों व जवानों को बेहद कम दामों पर बेच देती है, बेचने से पहले इनका ऑटोमेटिक फंक्शन निष्क्रिय कर दिया जाता है, क्योंकि इससे यह हथियार 30.06 बोर की साधारण रायफल बनकर रह जाता है और तब इसे लाइसेंसी हथियार के रूप में रखा जा सकता है।

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एसटीएफ के मुताबिक शिव तिवारी को 30.06 बोर की रायफल का शस्त्र लाइसेंस जारी हुआ था, लेकिन गैंगस्टर दुबे ने अपनी पहुंच का इस्तेमाल कर जो सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल खरीदी और उसका ऑटोमेटिक फंक्शन भी निष्क्रिय नहीं किया गया। बरामद रायफल से इसकी पुष्टि भी हो गई है, सक्रिय स्प्रिंगफील्ड रायफल की मैग्जीन में एक बार में 10 कारतूस भरकर लगातार इन्हेंं चलाया जा सकता है, माना जा रहा है कि इसीलिए बिकरू में पुलिस टीम विकास के गुर्गों के सामने टिक नहीं सकी और दो-दो स्प्रिंगफील्ड रायफल ने पुलिस को कदम पीछे खींचने पर मजबूर कर दिया।

 
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