ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में गांधी प्राणी उद्यान में विलुप्त प्रजाति की सफेद बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया है। इनमें से दो पीले और एक सफेद शावक है। खास बात यह है कि इन शावकों को जन्म देने वाली बाघिन मीरा और बाघ लव का जन्म भी यहीं हुआ था। अब बताया जा रहा है कि नन्हे शावकों की देखरेख के लिए उद्यान प्रबंधन द्वारा विशेष सावधानी बरती जा रही है।
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दअरसल वर्ष 2010 में नेशनल जूलॉजिकल पार्क नई दिल्ली से विलुप्त प्रजाति की सफेद बाघिन जमुना को ग्वालियर लाया गया था। उसके बाद से ही बाघों के कुनबे में बढ़ोतरी होना शुरू हुई। पहली बार वर्ष 2011 में दो शावक एवं 2014 में तीन शावकों का जन्म हुआ था। ये शावक वर्तमान में वयस्क हो चुके हैं। टाइगर के तीनों शावकों को संक्रमण से बचाने के लिए उन्हें 40 दिन तक विशेष निगरानी में रखा जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार सफेद टाइगर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण इस बात का खास ध्यान रखा जा रहा है कि टाइगर के एनक्लोजर में एनिमल कीपर के अलावा कोई और न जाए। मादा टाइगर के खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस समय उसे हल्का खाना जिसमें चिकन सूप, उबले हुए अंडे और दूध आदि दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही संक्रमण से बचाए रखने के लिए दवाएं भी दी जा रही हैं। नस्ल सुधार के लिए बिलासपुर चिड़ियाघर को एक मादा टाइगर देकर वहां से दूसरी मादा टाइगर लाई गई। विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश का मौसम टाइगर के लिए पूरी तरह उपयुक्त हैं। टाइगर 30 से 35 डिग्री तापमान में रहना पसंद करते हैं और प्रदेश में साल के अधिकांश समय तापमान इसके बीच ही रहता है।….
वेब डेस्क IBC24
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