बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने वर्ष 2011 में एक आदेश जारी किया था जिसके अनुसार सभी नए निर्माण होने वाले घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाना अनिवार्य था। लेकिन इस नियम का पालन बहुत कम लोग ही कर रहे थे।इसके बाद सरकार के निर्देशों का पालन न करने और अधिकारियों की लापरवाही को देखते हुए चिरमिरी के रहने वाले राजकुमार मिश्र ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी।
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इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश जारी करते हुए याचिका पर हाई कोर्ट ने कहा है कि प्रदेश में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का सख्ती से पालन होना चाहिए। बता दें कि याचिकाकर्ता की तरफ से जनहित याचिका में यह कहा गया था कि भूजल का स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है और भूजल स्तर को बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि शासकीय और निजी भवन जो कि 150 स्क्वायर मीटर से अधिक के भूखंड क्षेत्रफल में बन रहे हैं वहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य किया जाए। शासन के बनाए गए नियम में यह प्रावधान है कि नियम का पालन न करने पर दोषियों के ऊपर जुर्माना लगाया जाएगा लेकिन इसके बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही थी। मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी और जस्टिस पी पी साहू की डिवीज़न बेंच ने कहा है कि प्रदेश में इसे लेकर पहले से ही कानून है यह जिम्मेदार विभाग और अधिकारी इसे सख्ती से लागू करने का प्रयास करें।
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