जनता मांगे हिसाब: IBC24 की चौपाल में बेलतरा की जनता ने बेबाकी से रखी बात | IBC24 Special:

जनता मांगे हिसाब: IBC24 की चौपाल में बेलतरा की जनता ने बेबाकी से रखी बात

जनता मांगे हिसाब: IBC24 की चौपाल में बेलतरा की जनता ने बेबाकी से रखी बात

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : April 18, 2018/11:24 am IST

IBC24 के खास कार्यक्रम जनता मांगे हिसाब में छत्तीसगढ़ के बेलतरा की जनता ने बेबाकी से अपनी बात रखी। आइए आपको बेलतरा की प्रमुख समस्याओं और वहां के मुख्य मुद्दे के बारे में बताते हैं। 

बेलतरा की भौगोलिक स्थिति 

आज हम सबसे पहले बात करेंगे छत्तीसगढ़ की बेलतरा विधानसभा सीट की

सबसे पहले उसके भौगोलिक स्थिति पर नजर डाल लेते हैं। 

बिलासपुर जिले में आती है बेलतरा विधानसभा

2008 तक सीपत के नाम से जाता जाता था 

कोटा और बिल्हा ब्लॉक के कुछ क्षेत्रों से मिलकर बना है विधानसभा क्षेत्र

कुल मतदाता- 2 लाख 1 हजार 406

ब्राम्हणों के साथ OBC जाति की भी बहुलता

वर्तमान में विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा

बेलतरा विधानसभा क्षेत्र की सियासत

बेलतरा के वर्तमान विधायक बद्रीधर दीवान का इस बार विधानसभा टिकट कटना तय माना जा रहा है। उनकी बढ़ती उम्र इसकी सबसे बड़ी वजह है.. ऐसे में बद्रीधर दीवान के बेटे विजयधर को इस सीट का स्वाभाविक दावेदार माना जा रहा है। हालांकि उनकी स्वंय की छवि क्षेत्र में प्रभावशाली नहीं है पर विधायक पुत्र होने के नाते उनकी इस सीट पर पहली दावेदारी बन रही है..वैसे बेलतरा विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी के लिए भाजपा-कांग्रेस में फौज खड़ी है। वहीं जेसीसीजे के मैदान में उतरने से यहां सियासी घमासान काफी दिलचस्प हो गया है। 

बेलतरा प्रदेश की उन सीटों में से एक है जहां दोनों ही दलों के दिग्गजों की भी खासी दिलचस्पी है …पिछले 50 सालों से भी ज्यादा वक्त से राजनीति में सक्रिय वर्तमान विधायक बद्रीधर दीवान यहां से बीजेपी के उम्मीदवार हो सकते हैं लेकिन उनकी उम्र और कम सक्रियता टिकट के आड़े आ सकती है…ऐसे में उनके बेटे विजयधर को इस सीट का स्वाभाविक दावेदार माना जा रहा है।  हालांकि उनकी खुद की छवि क्षेत्र मे इतनी प्रभावशाली नहीं है..पर विधायक पुत्र होने के नाते सीट पर उनकी दावेदारी मजबूत है। 

हालांकि पार्टी के लिए यहां उम्मीदवार का चयन करना इतना आसान नहीं होगा..क्योंकि बेलतरा में दावेदारो की लंबी कतार है..प्रमुख दावेदारों में युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय सुशांत शुक्ला का नाम शामिल है.. महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पांडेय को भी सीट का दावेदार माना जा रहा है। वहीं रजनीश सिंह, राजा पांडे, प्रफुल्ल शर्मा, उमेश गौरहा और द्वारिकेश पांडेय का नाम भी प्रमुखता से शामिल हैं

बेलतरा सीट से कांग्रेस की टिकट मांगने वालों की भी कोई कमी नहीं है..इसमें सबसे पहला नाम बीजेपी से कांग्रेस में आई पूर्व सांसद करुणा शुक्ला का है। इनके अलावा अजय सिंह, सीपत के पूर्व विधायक चंद्रप्रकाश वाजपेयी और अरुण तिवारी भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं..कई स्थानीय नेता भी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की मंशा दिखा चुके हैं.. उधर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने पार्टी के महासचिव अनिल टाह को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। बिलासपुर विधानसभा में अमर अग्रवाल से दो बार हार चुके अनिल टाह इस बार बेलतरा विधानसभा से अपनी किस्मत आजमाएंगे। सभी पार्टियों के दावेदार सक्रिय हैं। भाजपा-कांग्रेस में तो चुनाव से पहले टिकिट के लिए ही घमासान मचेगा ये तय है। 

बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे

आने वाले चुनाव में बेलतरा में एक नहीं बल्कि कई मुद्दे गूंजने वाले हैं….कई इलाकों में सड़कें इतनी बदहाल हैं कि बारिश में गांव टापू बन कर रह जाते हैं तो वहीं भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी विधायक को घेरने की तैयारी है …लेकिन मुद्दों के साथ साथ इस सीट के जाति समीकरण भी नतीजों को खास प्रभावित करते हैं ..और आने वाले चुनाव में यहां जीत की संभावना उसकी ही ज्यादा होगी जो जाति समीकरण को साध पाएगा 

शहरी और ग्रामीण परिवेश को समेटे बेलतरा विधानसभा क्षेत्र मे समस्याओँ की कोई कमी नहीं है…वार्ड गांव के हों या शहर के ..समस्याएं सभी जगह समान रूप से लोगों को रूला रही हैं ..नेताओं के खिलाफ गुस्सा भी शहर से गांव तक बराबर नजर आता है.. शहरी इलाके जहां सात वार्ड आते हैं..वहां खस्ताहाल सड़कों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है..वहीं पानी निकासी की उचित व्यवस्था नहीं होने से भी शहरवासी काफी परेशान हैं…इन वार्डों मे बेतरतीब ट्रैफिक और अतिक्रमण भी बड़ा मुद्दा है। वहीं क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में बिजली, पानी और साफ-सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है…बारिश में तो कई इलाके टापू बन जाते हैं…कई गांवों में अब तक सड़कें नहीं बनी है। शहर से लगे हुए गांवों में तो नालियों में कचरा जाम होने की इतनी समस्या है कि लोग इसके लिए आंदोलन पर उतारू हो गए हैं। 

इसके अलावा गांवों में निराश्रित पेंशन, शौचालय निर्माण और आवास की समस्याएं हैं।  इलाके में कोल और भू माफिया के सक्रिय होने और राजनेताओं के उन्हें संरक्षण देने का बड़ा मुद्दा इस बार चुनाव में गूंज सकता है…लिहाजा आगामी चुनाव में विधायक के खिलाफ कांग्रेस के पास हल्ला बोलने के लिए कई हथियार मौजूद है।

बेलतरा में मुद्दे तो खूब गूंज रहे हैं लेकिन चुनाव जीतने के लिए  यहां को  जाति समीकरण को साधना भी जरूरी है…जाति समीकरण की बात करें तो यहां ब्राह्मण उम्मीदवार जीतते आए हैं .. 2 लाख 1 हजार 406 मतदाता वाले इस क्षेत्र में करीब 20 हजार ब्राह्म्ण वोटर्स हैं..वहीं 15 हजार के करीब ठाकुर मतदाता हैं…शङरी इलाकों में साहू, कुर्मी और दूसरे पिछड़ा वर्ग के वोटर्स भी बड़ी संख्या में रहते हैं। कुल मिलाकर भाजपा,कांग्रेस या फिर कोई और..जिसने इस जाति समीकरण को साध लिया…वहीं यहां से सियासत की जंग जीतेगा।

 

वेब डेस्क, IBC24

 
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