सफर की शुरूआत करते हैं छत्तीसगढ़ की तखतपुर विधानसभा सीट से…तखतपुर को भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनट मंत्री रह चुके मनहरण लाल पांडेय के कारण जाना जाता है। मनहरण लाल ने तीन बार यहां से जीत हासिल की थी, लेकिन 1996 में उनके लोकसभा में चले जाने के बाद पहली बार कांग्रेस के बलराम सिंह ठाकुर विधायक बने.. तखतपुर में इस बार क्या है नए सियासी समीकरण जानेंगे..लेकिन पहले नजर प्रोफाइल पर…
बिलासपुर जिले में आती है तखतपुर विधानसभा
एक नगर पालिका और एक नगर पंचायत शामिल
कृषि प्रधान क्षेत्र है तखतपुर
कुल मतदाता- 2 लाख 14 हजार 699
पुरुष मतदाता- 1 लाख 11 हजार 60
महिला मतदाता- 1 लाख 3 हजार 6 सौ 39
फिलहाल सीट पर बीजेपी का कब्जा
राजू सिंह क्षत्रिय है वर्तमान विधायक
तखतपुर विधानसभा की सियासत
तखतपुर में पिछले 2 बार से राजू सिंह क्षत्रिय विधायक हैं…आने वाले चुनाव में उनकी दावेदारी मजबूत तो नजर आती है..लेकिन महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पांडेय से उन्हें टक्कर जरूर मिलेगी.. वहीं कांग्रेस में पिछला चुनाव बेहद कम मार्जिन से हारे आशीष सिंह की टिकट तय मानी जा रही है.. सामान्य सीट होने के बावजूद यहां अनुसूचित जाति के वोट निर्णायक साबित होते हैं। ठाकुर, कुर्मी औऱ ब्राह्मण भी बड़ी संख्या में नतीजों को प्रभावित करते हैं।
तखतपुर राजनीतिक रूप से काफी जागरुक है…सामान्य तौर पर इसे बीजेपी का गढ़ माना जा सकता है…शुरू से ही सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है…1996 तक यहां पार्टी के कद्दावर नेता मनहरलाल पांडेय चुनाव जीते..उनके लोकसभा जाने के बाद यहां से पहली बार कांग्रेस के बलराम सिंह ठाकुर विधायक चुने गए..1998 में बीजेपी के टिकट पर जगजीत सिंह मक्कड ने चुनाव जीता… 2003 में फिर ये सीट कांग्रेस के खाते में चली गई.. बलराम सिंह ठाकुर दूसरी बार यहां से विधायक बने…लेकिन 2008 से दो बार लगातार फिर बीजेपी के राजू क्षत्रीय यहां से विधायक हैं और सरकार के संसदीय सचिव भी हैं, हालांकि पिछला चुनाव उन्होंने कांग्रेस के आशीष सिंह से महज 518 वोटों से जीता है। आने वाले चुनाव की बात करें भारतीय जनता पार्टी से राजू सिंह क्षत्रिय टिकट के मजबूत दावेदार हैं..वहीं पूर्व विधायक और मंत्री मनहरण लाल पांडेय की बेटी हर्षिता पांडेय भी टिकट की दौड़ में शामिल है…
हर्षिता इस समय महिला आयोग की अध्यक्ष हैं और काफी सक्रिय है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में पिछला चुनाव हारे आशीष सिंह की टिकट तय मानी जा रही है। आशीष चरणदास महंत के समर्थक हैं और उन्हीं के कोटे से टिकट मिलती रही है… हालांकि कांग्रेस में टिकट दावेदारों की लंबी लिस्ट है…इनमें बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले जगजीत सिंह मक्कड़ भी हैं और कुछ जिला पंचायत स्तर के नेता भी हैं। वहीं पहली बार चुनावी मैदान में उतरी तीसरी पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने पिछला चुनाव बीएसपी से लड़े संतोष कौशिक को अपना प्रत्याशी बनाया है। कुल मिलाकर तखतपुर में आगामी चुनाव त्रिकोणीय होना तय है…लेकिन बीजेपी अपना उम्मीदवार किसे बनाती है, इस पर भी काफी कुछ निर्भर करेगा।
तखतपुर की सियासत
बीजेपी विधायक ने पिछले चुनाव में तखतपुर की जनता से कई वादे किये थे..लेकिन धरातल पर उन वादों पर कोई काम नजर नहीं आता…ग्रामीण इलाकों में आज भी सुविधाओं का अभाव साफ नजर आता है..वहीं बेरोजगारी दूर करने और साफ सफाई के मुद्दे पर भी कोई ठोस पहल नजर नहीं आती।
एक नगर पालिका और एक नगर पंचायत वाला तखतपुर विधानसभा..पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्र है… हालांकि उस्लापुर में बस रही बड़ी रिहायशी बस्तियां इसे थोड़ा शहरी बनाती हैं, लेकिन फिर भी बाकी पूरा इलाका गांवों में ही बसा है। यहां की समस्याएं भी गांवों वाली ही है। सड़क नहीं है, कहीं से सड़क निकली है तो उस पर बिजली नहीं है। साफ सफाई का कोई इंतजाम नहीं है। नालियां खुली हुई और महीनों से साफ नहीं हुई है। तालाब सूख रहे हैं, जल स्तर नीचे जा रहा है। ऐसे में समस्याएं तो इस चुनाव में मुद्दा रहेंगी ही एक बड़ा मुद्दा होगा विधायक का गांवों में नहीं आना। विधायक राजू सिंह क्षत्रिय को लेकर लोगों की शिकायत है कि वे तखतपुर और शहरी इलाकों में ही मिलते हैं… ग्रामीण इलाकों में वे पिछली बार वोट मांगने आए थे और फिर नहीं आए। तखतपुर के गांवों में सिंचाई के लिए भैंसाझार बांध की नहर लाई जा रही है, इसके लिए जमीन अधिग्रहण हुआ है, लेकिन इससे ग्रामीणों में नाराजगी है। कई लोगों को कम मुआवजा या मुआवजा नहीं मिलने की शिकायतें हैं, ये मुद्दा भी इस बार चुनाव में गूंजेंगा। तखतपुर के बीच से गुजरने वाली मेन रोड में 24 घंटे भारी वाहनों का आना जाना लगा रहता है। जिससे होने वाले धूल, धुआं और एक्सीडेंट से लोग परेशान हैं।
वेब डेस्क, IBC24
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