हिन्दी को मिलने लगी विश्व स्तर पर पहचान और प्रतिष्ठा: डॉ. रमन सिंह | Identity and reputation at the globally globally meticulous Hindi: Dr. Raman Singh

हिन्दी को मिलने लगी विश्व स्तर पर पहचान और प्रतिष्ठा: डॉ. रमन सिंह

हिन्दी को मिलने लगी विश्व स्तर पर पहचान और प्रतिष्ठा: डॉ. रमन सिंह

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:25 PM IST, Published Date : January 9, 2018/2:33 pm IST

रायपुर- देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा में समाहित हिंदी आज जन सामान्य की भाषा बन गयी है.इसी को ध्यान में रखते हुए प्रति वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।  इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। विदेशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं। विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनो की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था इसी लिए इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है.

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विश्व हिंदी दिवस के है चीनी भाषा मंदारिन के बाद आज भारत की राष्ट्र भाषा हिन्दी दुनिया की दूसरी सर्वाधिक प्रचलित भाषा के रूप में चिन्हांकित की गई है, जबकि अंग्रेजी भाषा तीसरे स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने हिन्दी भाषा को देश और विदेश में अधिक से अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए सभी लोगों से हर संभव प्रयास करने की अपील की है।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कल 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर जनता को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी है। डॉ. सिंह ने विश्व हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या पर आज यहां जारी शुभकामना संदेश में कहा है कि हिन्दी हमारी राष्ट्रीय एकता की पहचान है, जिसे अब विश्व स्तर पर भी पहचान और प्रतिष्ठा मिलने लगी है।  

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    उन्होंने कहा – यह हम सबके लिए गर्व की बात है कि हर साल 10 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी दिवस मनाया जाता है। डॉ. रमन सिंह ने कहा -हिन्दी न सिर्फ हमारे देश में बल्कि मॉरिशस, फिजी, सूरिनाम, त्रिनिडाड, संयुक्त अरब अमिरात (दुबई), इंग्लैंड, अमेरिका आदि दुनिया के जिन देशों में भी प्रवासी भारतीयों और भारतवंशियों की बसाहट है, वहां उनके द्वारा हिन्दी को अधिक से अधिक लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इनमें से कई देशों में तो हिन्दी सर्वाधिक प्रचलित भाषा है।डॉ. रमन सिंह ने कहा – 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के बाद भारतीय संविधान सभा में हमारे महान नेताओं ने 14 सितम्बर 1949 को सर्वसम्मति से हिन्दी को भारत की राजभाषा बनाने का निर्णय लिया था। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा है। अनेकता में एकता वाली हमारी महान भारतीय संस्कृति में देश के सभी राज्यों की अपनी समृद्ध भाषाएं और उनका अपना समृद्ध साहित्य भी है। इन समस्त भाषाओं का अपना महत्व है। इन सबके बीच हिन्दी पूरे देश में व्यापक रूप से प्रचलित भाषा है, जो देश को एकता के सूत्र में बांधकर रखती है।

 

 
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