कतर देश पर ISIS का समर्थन और आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए चार देशों ने कतर से रिश्ते तोड़ दिए थे. खाड़ी देशों से अलग-थलग पड़ने के बाद कतर को कुवैत का सहारा मिला है. कतर के विदेश मंत्री मुहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने कहा कि इस मामले में कुवैत मध्यस्थता का प्रयास कर रहा है। कतर के शेख तमीम बिन हम्माद ने खुद कुवैत के अमीर साबाह अल अहमद अल साबाह से बात की। इसके बाद उन्होंने कतर के लोगों के नाम अपने संबोधन को स्थगित कर दिया।
कतर चाहता है कि कुवैत के शासक मामले में आगे बढ़ें और सभी पक्षों से बात कर संकट का समाधान निकालें। कुवैत ने ही 2014 में भी खाड़ी देशों के बीच विवाद को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई थी। कतर के शासक कुवैत के अमीर को अभिभावक के रूप में देखते हैं। मुहम्मद बिन अब्दुल ने कहा कि उनके देश के खिलाफ उठाए गए कदम कतर के नागरिकों और खाड़ी अरब देशों में पारिवारिक रिश्ते पर अभूतपूर्व असर डालेंगे। कतर चाहता है कि इस विवाद का संवाद के जरिए हल निकाला जाए। कतर अपनी ओर से कोई ऐसी कार्रवाई नहीं करेगा जिससे विवाद बढ़े। अमेरिका से हमारा रणनीतिक संबंध है। कई ऐसी चीजें हैं जिनपर हम सहमत नहीं हैं लेकिन सहयोग के ऐसे क्षेत्र हैं जिनसे विवादित मुद्दे कोई मायने नहीं रखते।
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