Bhind Lok Sabha Elections 2019: भिंड लोकसभा सीट, क्या कांग्रेस भेद पाएगी बीजेपी का अभेद्य गढ़ | Bhind Lok Sabha Elections 2019 : Bhind Lok sabha Constituency : BJP VS Congress

Bhind Lok Sabha Elections 2019: भिंड लोकसभा सीट, क्या कांग्रेस भेद पाएगी बीजेपी का अभेद्य गढ़

Bhind Lok Sabha Elections 2019: भिंड लोकसभा सीट, क्या कांग्रेस भेद पाएगी बीजेपी का अभेद्य गढ़

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : May 8, 2019/12:00 pm IST

लोकसभा चुनाव के तहत छठवें चरण में मध्यप्रदेश के आठ संसदीय क्षेत्रों मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल और राजगढ़ में 12 मई को मतदान होना है। आइए आज हम बात करते हैं भिंड लोकसभा क्षेत्र की। वैसे तो भिंड प्राचीन गणेश मन्दिर,हनुमान मंदिर, वनखंडेश्वर मंदिर के कारण जाना जाता है। पर्यटन स्थलों की बात करें तो यहां का गौरी सरोवर, भिण्ड का किला, अटेर का किला काफी प्रसिद्ध हैं। यहां बीजेपी ने संध्या राय को टिकट दी है तो कांग्रेस ने देवाशीष जरारिया को चुनावी मैदान में उतारा है। जबकि बसपा ने बाबूराम जामौर प्रत्याशी बनाया है।

राजनीति की अगर बात करें तो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित मध्य प्रदेश की भिंड लोकसभा सीट बीजेपी का अभेद्य गढ़ मानी जाती है। पिछले 30 वर्षों में कांग्रेस ने यहां जीतने का हर संभव प्रयास किया, लेकिन नाकाम रही। भिंड लोकसभा बीजेपी के प्रभाव को इसी से जाना जा सकता है कि बीते 8 लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने 5 चेहरे बदले, लेकिन फिर भी जीत भाजपा के हाथ ही लगी। अब तक इस सीट पर 14 चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से 10 चुनावों में भाजपा और जनसंघ का परचम लहराया है और कांग्रेस 3बार तो बीएलडी एक बार भिंड में जीत हासिल कर पाई है।

8 विधानसभा क्षेत्र

भिंड संसदीय क्षेत्र के तहत आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। पांच विधानसभा क्षेत्र भिंड, मेहगांव, लहार, गोहद और अटेर भिंड जिले में और तथा तीन दतिया, भांडेर और सेंवढा दतिया जिले में आती है। वर्तमान में भिंड जिले की पांच विधानसभा सीटों में से तीन सीट पर कांग्रेस और मात्र एक भाजपा का विधायक है। जबकि शेष एक सीट पर बसपा से विधायक हैं, जो कांग्रेस समर्थित हैं।

राजनीतिक इतिहास

भिंड में पहला लोकसभा चुनाव 1962 में हुआ, जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी सूरज प्रसाद ने विजय पाई थी। 1967 में कांग्रेस का पत्ता काट कर जनसंघ के वाई एस कुशवाहा ने यहां जीत हासिल की और 1971 के चुनाव में ग्वालियर की राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने कांग्रेस के नरसिंह राव दीक्षित को हराकर भिंड में जीत हासिल की। 1980 में कांग्रेस के कालीचरण शर्मा ने जीत हासिल की तो वहीं 1984 में भी कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा सिंह ने ही विजय हासिल की। 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा सिंह ने बीजेपी उम्मीद्वार और राजमाता विजयाराजे सिंधिया की बेटी वसुंधरा राजे सिंधिया को भारी मतों के अंतर से हराया था।

इसके बाद 1989 में यहां एक बार कमल खिला और नरसिंह राव दीक्षित ने जीत दर्ज की। इसके बाद से अब तक यहां बीजेपी का ही कब्जा है, 1991 में बीजेपी के योगानंद सारस्वती, 1996 में रामलखन सिंह ने यहां जीत हासिल की। रामलखन सिंह ने यहां 1998, 1999 और 2004 के चुनाव में लगातार जीत हासिल की। 2009 में परिसीमन के बाद यह सीट अनूसूचित जाति के उम्मीद्वार के लिए आरक्षित हो गई। इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी अशोक अर्गल को जीत मिली तो 2014 की मोदी लहर में भागीरथ प्रसाद को इसका पूरा फायदा मिला और उन्होंने बड़े मतों के अंतर से जीत हासिल की।

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी डॉ भागीरथ प्रसाद ने विजयी हुए। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी इमरती देवी को 1,59,961 वोटों के अंतर से हराया था। इस चुनाव में जहां डॉ भागीरथ प्रसाद को 4,04,474 वोट मिले तो कांग्रेस प्रत्याशी इमरती देवी को 2,44,513वोट ही मिले। इससे पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने ही भिंड में कब्जा जमाया था। इस चुनाव में अशोक अर्गल ने बीजेपी को जीत दिलाई थी।

बसपा भी कमजोर नहीं

भिंड लोकसभा सीट पर बसपा एक बार भी जीत का खाता नहीं खोल सकी, लेकिन 1996 और 1998 के चुनाव में बसपा के केदारनाथ कुशवाह ने दूसरे नंबर पर आकर ताकत का एहसास कराया था। इनसे पहले 1989 में रामबिहारी दूसरे नंबर पर रहे थे। इन चुनावों में कांग्रेस को तीसरे नंबर पर संतुष्टि करनी पड़ी थी।

प्रमुख मुद्दे

राष्ट्रवाद और न्याय योजना जैसे मुद्दों में ग्रामीण इलाकों में न्याय योजना पर बात हो रही है तो शहरी और कस्बाई इलाकों में राष्ट्रवाद की। स्थानीय मुद्दों की बात करें तो जमीन पर अभी कर्जमाफी सबसे बड़ा मुद्दा है। बीजेपी इसे छलावा बता रही है। जबकि कांग्रेस लोकसभा चुनाव के बाद 2 लाख रुपए तक की कर्ज माफी का वादा पूरा करने और न्याय योजना के तहत 72 हजार का लाभ देने की बात कर रही है। दूसरा मुद्दा प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद हो रही बिजली कटौती है।

लोकसभा : भिंड लोकसभा सीट जातीय समीकरण  

75.3 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र

24.7 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र

23.1 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति

85 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति

मौजूदा सांसद: डॉ. भागीरथ प्रसाद, बीजेपी

2014 में कितने मतों से जीते: 18897

किसे हराया : कांग्रेस की इमरती देवी

2014 में वोटर्स की संख्या: 1598169

2014 में वोटों का फीसदी: 45.62 फीसदी वोटिंग 

2014 में महिला वोटर्स की संख्या: 707318

 

 
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