रायपुर| ‘कांटे की टक्कर’ कार्यक्रम के माध्यम से IBC24 अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों के बीच के टकराव का आंकलन कर रहा है। आप हमारे इस कार्यक्रम में देख पाएंगे कि आखिर अपने-अपने लोकसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों की चुनाव जीतने को लेकर तैयारियों कैसी हैं। साथ ही हम क्षेत्र के सियासी माहौल और अभी तक के राजनीतिक इतिहास पर भी नजर डालेंगे।
कांटे की टक्कर में बता करेंगे छत्तीसगढ़ की रायगढ़ लोकसभा सीट की। ये लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है। रायगढ़ जिले का रायगढ़ शहर अपने कोयले के भंडरों और बिजली उत्पादन के लिए मशहूर है। बता दें कि रायगढ़ लोकसभा सीट पर 1999, 2004, 2009 और 2014 के चुनावों में बीजेपी का ही कब्जा है। विष्णु देव साय लगातार चार बार से बीजेपी के टिकट पर लड़ते और जीतते आ रहे हैं। हालांकि बीजेपी ने विष्णु देव साय को टिकट नहीं दी है।
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बीजेपी ने गोमती साय (Gomti sai BJP ) प्रत्याशी बनाया है। जशपुर की सियासी जमीन कई सालों से प्रतिनिधित्व कर रही गोमती साय पहली बार रायगढ़ की जमीन में राजनीतिक मैदान में हैं। गोमती साय काफी लंबे अरसे से अपने गृह क्षेत्र जशपुर जिले के फरसाबहार से कभी जिला पंचायत सदस्य के रूप में, कभी जनपद सदस्य के रुप मे तो वर्तमान में जशपुर जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में लगातार प्रतिनिधित्व कर रही हैं। रायगढ़ लोकसभा सीट पर गोमती के चयन के बाद रायगढ़ भाजपा का एक बड़ा खेमा और जशपुर राजमहल पूरी ताकत झोंकने को तैयार है।
कांग्रेस ने धर्मजयगढ़ सीट से विधायक लालजीत सिंह राठिया को रायगढ़ लोकसभा सीट से टिकट दिया है। लालजीत सिंह के पिता चनेश राम राठिया छत्तीसगढ़ के अलग होने से पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस के विधायक रहे चुके हैं।
2014 लोकसभा चुनाव में रायगढ़ लोकसभा सीट पर स्थिति
वर्तमान सांसद : विष्णु देव साय (BJP)
प्रतिद्वद्वी और पार्टी : आरती सिंह (Congress)
2014 में भाजपा को मिले वोट : 6,62,478
2014 में कांग्रेस को मिले वोट : 4,45,728
2014 चुनाव में जीत का अंतर : 2,16,750
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