केंद्रीय कृषि कानून पर बोले मंत्री रविंद्र चौबे, प्रधानमंत्री देश को कर रहे गुमराह, छत्तीसगढ़ में नहीं प्रभावी होने देंगे ये काले कानून | Minister Ravindra Chaubey said on the Central Agricultural Law, the Prime Minister is misleading the country,

केंद्रीय कृषि कानून पर बोले मंत्री रविंद्र चौबे, प्रधानमंत्री देश को कर रहे गुमराह, छत्तीसगढ़ में नहीं प्रभावी होने देंगे ये काले कानून

केंद्रीय कृषि कानून पर बोले मंत्री रविंद्र चौबे, प्रधानमंत्री देश को कर रहे गुमराह, छत्तीसगढ़ में नहीं प्रभावी होने देंगे ये काले कानून

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:15 PM IST, Published Date : December 20, 2020/12:24 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने केंद्र के कृषि कानून को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि जब कांट्रैक्ट फार्मिंग होगी तो किसान चाहे तो अपना एग्रीमेंट तोड़ सकता है लेकिन कानून में ऐसा प्रावधान नहीं है जब तक कि दोनो पक्ष राजी न हों। देश के प्रधानमंत्री ही देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं तो इसका हल क्या है। सीएम भूपेश बघेल के कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित IBC24 के खास कार्यक्रम #ThankYouCm कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही। 

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रविंद्र चौबे ने कहा कि अकेले जांजगीर जिले में 60 हजार मेगावॉट के पॉवर प्लांट का एमओयू ने डॉ रमन सिंह ने किया था, उस समय हमारे अध्यक्ष नंद कुमार पटेल कहते थे कि 60 हजार मेगावॉट का पॉवर प्लांट लगेगा तो इतने कंडक्टर बिछेगा कि परिंदा आसमान को देख नहीं पाएगा। और उसका हश्र क्या हुआ किसानों की जमीनें ले ली गईं, न वहां प्लांट लगाया गया, न उनके बच्चों को नौकरी मिली तो क्या उन्हे जमीन देने के लिए प्रकार के कानून बनाएंगे।

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कृषि के जो तीन कानून है उनमें से एक में कॉर्पोरेट हाउस कांन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग करेगा, दूसरे में बड़े व्यवसायी मंडी खोलेंगे और तीसरे में पूंजीपति स्टॉक लिमिट जितना कर सकता है करेगा। कृषि मंत्री ने कहा कि अभी हाल ही में जब प्याज की कीमतें बढ़ीं तो केंद्र सरकार ने ही स्टाक लिमिट खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि किसान इतना आंदोलित है कि आने वाले समय में केंद्र सरकारे को पीछे हटना पड़ेगा।

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रविंद्र चौबे ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो कानन बनाया उसमें कहीं भी कृषि के नाम का उल्लेख नहीं है उसमें एग्रीकल्चर ट्रेडिंग नाम दिया है, कृषि राज्य का विषय है, हमने जो राज्य का कृषि कानून बनाया, हमने मंडी एक्ट में संशोधन किया। जिससे केंद्र का कानून छत्तीसगढ़ में प्रभावी न हो सके हम उसे निष्प्रभावी करेंगे। कृषि समवर्ती सूची का विषय नहीं है बल्कि वह केवल राज्य का विषय है।

 
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