मध्य प्रदेश भाजपा के 15 प्रत्याशियों के संसदीय क्षेत्र, पिछला रिकॉर्ड और प्रोफाइल पर एक नजर | mp bjp candidates profile

मध्य प्रदेश भाजपा के 15 प्रत्याशियों के संसदीय क्षेत्र, पिछला रिकॉर्ड और प्रोफाइल पर एक नजर

मध्य प्रदेश भाजपा के 15 प्रत्याशियों के संसदीय क्षेत्र, पिछला रिकॉर्ड और प्रोफाइल पर एक नजर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:09 PM IST, Published Date : March 24, 2019/4:34 am IST

भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश भाजपा ने अपनी पांचवी सूची में 15 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। आइए इन प्रत्याशियों के प्रोफाइल पर एक नजर डालते हैं।

भिंड से संध्या राय

बीजेपी ने एक बार भिंड से एक नए चेहरे को टिकिट देकर सभी को चौंका दिया है। लगातार तीसरी बार बीजेपी ने भिंड से नया प्रत्याशी उतारा है। बीजेपी ने मुरैना जिले के दिमनी विधानासभा की पूर्व विधायक संध्या राय को भिंड-दतिया लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। इससे पहले 2009 में मुरैना के अशोक अर्गल और 2014 में भागीरथ प्रसाद को अपना प्रत्याशी बनाकर भिंड-दतिया संसदीय सीट पर बीजेपी ने अपना परचम लहराया था। इस बार संध्या राय को प्रत्याशी बनाकर बीजेपी फिर से नया प्रयोग करने जा रही है। संध्या राय पिछले 20 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह की करीबी मानी जाने वाली संध्या राय 2008 में मुरैना की दिमनी विधनासभा से विधायक रह चुकी हैं। इससे पहले 2001 में मंडी अध्यक्ष के रूप में संध्या राय ने अपने राजनैतिक करियर की शुरआत की थी। 2011-12 में संध्या राय महिला मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में भी पद संभाल चुकी हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में संध्या राय ने टिकिट के लिए जोर आजमाइश की थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। पार्टी के प्रति वफादारी और काम के प्रति ईमानदारी देखकर पार्टी ने एक बार से संध्या राय पर भरोसा जताते हुए उन्हें भिंड-दतिया लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है।

उज्जैन- अनिल फिरोजिया

उज्जैन आलोट लोकसभा सीट पर भाजपा ने वर्तमान सांसद चिंतामणी मालवीय का टिकट काटते हुए तराना से विधायक रहे अनिल फिरोजिया को अपना प्रत्याशी बनाया है। अनिल फिरोजिया उज्जैन की तराना विधानसभा सीट पर साल 2013 से 2018 तक विधायक रहे….साल 2018 विधानसभा चुनाव में पार्टी ने इन्हें फिर से मौका दिया… लेकिन कांग्रेस के महेश परमार ने इन्हें 2200 वोटों से हरा दिया… उज्जैन आलोट लोकसभा सीट पर मौजूदा सांसद चिंतामणि मालवीय के दिए गए विवादित बयानों के चलते अब लोकसभा चुनाव में अनिल फिरोजिया पर विश्वास जताते हुए मौका दिया गया है

मुरैना से नरेंद्र सिंह तोमर

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए मुरैना श्योपुर सीट से नरेन्द्र सिंह तोमर को बीजेपी ने टिकट दिया है…. नरेन्द्र सिंह तोमर ग्वालियर से सांसद हैं…. वहीं इस बार पार्टी ने उनको मुरैना से टिकट दी है…. नरेन्द्र सिंह, 2009 में मुरैना से सांसद रह चुके हैं… ऐसे में फिर से नरेन्द्र सिंह तोमर अपने गृह नगर से चुनाव लड़ेंगे… 2003 में पहली बार विधायक बने और प्रदेश में मंत्री का पदभार मिला… 2008 में एक बार फिर से विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की… जिसके बाद 2009 में मुरैना से लोकसभा चुनाव लड़ते हुए पहली बार सांसद बने… 2014 में तोमर ने ग्वालियर से लोकसभा चुनाव लड़ा और केन्द्रीय मंत्री भी बने

शहडोल से हिमाद्री सिंह

बीजेपी ने शहडोल सांसद ज्ञानसिंह का टिकट काटकर हिमाद्री सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है। बैतूल सांसद ज्योति धुर्वे का टिकट काटकर दुर्गादास उइके को टिकट दिया गया है… वहीं मुरैना सांसद अनूप मिश्रा के विधायक बनने पर उनका टिकट कटना तय माना जा रहा था…अनूप मिश्रा की सीट से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को उतारा गया है.

टीकमगढ़ से वीरेंद्र कुमार खटीक

टीकमगढ़ से वीरेंद्र कुमार खटीक,

सतना से गणेश सिंह

सतना से गणेश सिंह, रीवा से जनार्दन मिश्रा, सीधी से रीति पाठक, जबलपुर से राकेश सिंह, मंडला से फग्गन सिंह कुलस्ते, होशंगाबाद से राव उदयप्रताप सिंह, मंदसौर से सुधीर गुप्ता और खंडवा से नंदकुमार सिंह चौहान को टिकट दिया गया है।

जबलपुर से राकेश सिंह

BJP के जबलपुर से प्रत्याशी बनाए गए राकेश सिंह मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी हैं। राकेश सिंह लगातार 3 बार से जबलपुर से सांसद हैं और अब पार्टी ने उन्हें चौथी बार जबलपुर सीट से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाने वाले राकेश सिंह की अगुआई में मध्यप्रदेश में भाजपा विधानसभा चुनाव हार गई थी। बावजूद इसके पार्टी ने उन पर भरोसा बनाए रखा और अब भी उनके पास भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी है। राकेश सिंह को पार्टी ने पहली बार 2004 में लोकसभा का टिकट दिया था.. तब राकेश सिंह पार्टी के जबलपुर जिला ग्रामीण अध्यक्ष थे… 2004 का चुनाव 97 हजार वोटों से जीतने के बाद राकेश सिंह संगठन की पसंद बने रहे… 2009 के लोकसभा चुनाव में राकेश सिंह जबलपुर सीट से 1 लाख वोटों से जीते थे जबकि 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बीच राकेश सिंह ने अपना तीसरा लोकसभा चुनाव 2 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीता था… बीते चुनाव में राकेश सिंह ने कांग्रेस के दिग्गज नेता विवेक तन्खा को हराया था…

रीवा से जनार्दन मिश्रा

रीवा में एक बार फिर जनार्दन मिश्रा को बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया है। पिछले 5 सालों में वे रीवा जिले के ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं। स्वच्छता को लेकर भी कचरा गाड़ी चला कर इन्होंने मिसाल पेश की थी और खूब सुर्खियां बटोरी थीं। रीवा लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा ब्राह्मण मतदाता हैं, जिसका सीधार असर परिणाम पर होता है। 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने ब्राह्मण प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था लेकिन 2009 में बसपा के देवराज पटेल ने चुनाव जीता था, जो कुर्मी समुदाय से आते हैं। यहां कुर्मी , ठाकुर और पिछड़ी जातियों का भी वोट बैंक चुनाव में सीधा असर डालता है।

दमोह से प्रहलाद पटेल

दमोह से भाजपा ने प्रह्लाद पटेल को प्रत्याशी बनाया है। 2014 में पहली बार जबलपुर से आकर दमोह सीट पर किस्मत आजमाने वाले भाजपा प्रत्याशी प्रह्लाद पटेल ने 5 लाख 13 हजार 79 रिकॉर्ड मत लेकर जीत हासिल की थी। प्रह्लाद पटेल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी महेंद्र प्रताप सिंह को 2 लाख 13 हजार 299 मतों से पराजित किया था। प्रह्लाद पटेल अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमण्डल में कोयला राज्यमंत्री रह चुके हैं। 1999 में उन्होने बालाघाट से लोकसभा का चुनाव जीता था। वे पेशे से वकील हैं। वे असंगठित मजदूर संघ के अध्यक्ष और बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं।

मंदसौर से सुधीर गुप्ता

मंदसौर लोकसभा की सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों दलो ने अपने प्रत्याशी तय कर दिए हैं। मंदसौर लोकसभा सीट से एक बार फिर से जहां भाजपा ने मौजूदा सांसद सुधीर गुप्ता पर दोबारा भरोसा जताया है। वहीं कांग्रेस ने राहुल गांधी की करीबी मानी जाने वाली मीनाक्षी नटराजन को फिर से मैदान में उतारा है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के सुधीर गुप्ता और कांग्रेस की मीनाक्षी नटराजन आमने सामने थे। तब के चुनावी नतीजों में कांग्रेस की मीनाक्षी नटराजन को भाजपा के सुधीर गुप्ता ने शिकस्त देते हुए करीब 3 लाख तीन हजार छह सौ वोटों से शिकस्त दी थी। जहां सुधीर गुप्ता को 6 लाख 98 हजार 335 मत मिले थे वहीं मीनाक्षी को 3 लाख 4 हजार 686 मतों से संतोष करना पड़ा था। तीन लाख से ज्यादा की बड़ी शिकस्त को कांग्रेस ने मोदी लहर बताया था। इस बार भी दोनों प्रत्याशियों के लिए राह आसान दिखाई नहीं दे रही। जहां कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है। वहीं भाजपा में टिकट बंटवारे के तुरंत बाद ही अंदरूनी खींचतान नजर आने लगी है। भाजपा के सिटिंग एमपी सुधीर गुप्ता का नाम तय होते ही प्रदेश भाजपा मंत्री बंशीलाल गुर्जर ने तीखे तेवर अपना लिए हैं। टिकिट नहीं मिलने से नाराज बंशीलाल गुर्जर के बागी होने की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। हालांकि बंशीलाल गुर्जर ने नाराजगी से इनकार किया है।

सीधी से रीति पाठक

बीजेपी ने सीधी से रीति पाठक को टिकट दी है… रीति पाठक 1994 से 1995 में जीडीसी में संयुक्त सचिव रह चुकी हैं… अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र में महिलाओं के लिए सामाजिक कार्य शुरूआत करते हुए जिला पंचायत अध्‍यक्ष चुनी गई… 2014 लोकसभा चुनाव में सीधी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के इंद्रजीत कुमार को हराने के बाद 16 वीं लोक सभा के लिए चुनी गई… 1 सितम्बर 2014 को ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के तहत परामर्श समिति की सदस्या चुनी गई… वहीं 1 सितम्बर 2014 को कोयला और इस्पायत संबंधी स्थायी समिति की सदस्या बनीं… 05 फरवरी 2015 को महिलाओं को शक्ति प्रदान करने संबंधी समिति की सदस्या बनीं… 1 मई 2016 को लोक लेखा समिति की सदस्य बनीं

बैतूल से दुर्गादास उइके

भाजपा ने जाति प्रमाण पत्र के मामले में घिरी बैतूल-हरदा लोकसभा सीट से बीते दस सालों से सांसद रहीं ज्योति धुर्वे का टिकट काटकर संघ की पसंद के उम्मीदवार दुर्गादास उइके को अपना उम्मीदवार बनाया है। वैसे तो भाजपा से इस बार टिकट की दौड़ में तीन नाम और थे, जिनमें हरसूद विधायक विजय शाह ,घोड़ाडोंगरी के पूर्व विधायक मंगल सिंह और घोड़ाडोंगरी के पूर्व दिवंगत विधायक की पत्नी और महिला आयोग की सदस्य गंगा बाई उइके भी शामिल थीं लेकिन पार्टी ने संघ की पसंद के उम्मीदवार दुर्गादास उइके को इस सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है।