मध्यप्रदेश में सियासी संग्राम, सुप्रीम कोर्ट में आज फिर होगी सुनवाई | Political struggle in Madhya Pradesh Hearing will be held again today in the Supreme Court

मध्यप्रदेश में सियासी संग्राम, सुप्रीम कोर्ट में आज फिर होगी सुनवाई

मध्यप्रदेश में सियासी संग्राम, सुप्रीम कोर्ट में आज फिर होगी सुनवाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : March 19, 2020/2:50 am IST

नई दिल्ली । मध्यप्रदेश में सियासी संग्राम जारी है। फ्लोर टेस्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लगी बीजेपी की याचिका पर आज भी सुनवाई होगी। सुबह 10:30 बजे ये सुनवाई शुरू होगी।

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बुधवार को पूरे दिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। लंच ब्रेक के बाद बागी विधायकों पर कोर्ट की बेंच ने कहा की कैसे तय करें कि विधायकों के हलफनामे मर्जी से दिए गए या नहीं। ये संवैधानिक कोर्ट है, हम संविधान के दायरे में कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। टीवी पर कुछ देखकर तय नहीं कर सकते हैं। 16 बागी विधायक फ्लोर टेस्ट में शामिल हों या नहीं, लेकिन उन्हें बंधक नहीं रखा जा सकता। अब साफ हो चुका है कि वो कोई एक रास्ता चुनेंगे। उन्होंने जो किया उसके लिए स्वतंत्र प्रक्रिया होनी चाहिए।
 
बागी विधायकों पर बीजेपी ने दलील दी की हम 16 बागी विधायकों को जज के चैम्बर में पेश कर सकते हैं। जिस पर कोर्ट ने इनकार कर दिया। बीजेपी ने ये भी कहा की जब विधायक कांग्रेस या सरकार से मिलना ही नहीं चाहते तो कांग्रेस क्यों इस पर जोर दे रही है। जबकि बागी विधायक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी मंशा जाहिर कर चुके हैं।

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वहीं, लंच ब्रेक से पहले कांग्रेस की ओर से कहा गया कि 19 बागी विधायकों के इस्तीफे सौंपने के पीछे बीजेपी की साजिश है। जिसकी जांच होनी चाहिए। बहुमत परीक्षण के लिए रातों रात मुख्यमंत्री और स्पीकर को आदेश देना राज्यपाल का काम नहीं है। स्पीकर इस मामले में सबसे ऊपर हैं, राज्यपाल उन पर हावी हो रहे हैं। कांग्रेस ने विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई सीटों पर उपचुनाव होने तक फ्लोर टेस्ट नहीं कराने की मांग की, लेकिन बीजेपी ने इसका विरोध किया।

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कांग्रेस ने दलील दी की जो विधायक इस्तीफा दे रहे हैं, चुनाव में जनता के बीच जाएं। इस पर जस्टिस गुप्ता ने कहा की विधायक वही तो कर रहे हैं। उन्होंने सदस्यता छोड़ दी, फिर चुनाव चाहते हैं। वहीं बीजेपी की ओर से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा की हम अभी कोर्ट से कोई अंतरिम आदेश चाहते हैं। कांग्रेस किसी भी तरह सत्ता में बने रहना चाहती है। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा की विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने से पहले स्पीकर का संतुष्ट होना जरूरी है।