आपत्तिजनक, शर्मनाक और विवादित बोल को लेकर चाहे कितनी भी आलोचना, निंदा, प्रदर्शन क्यों न हो जाएं, ऐसे मामले थम नहीं रहे। हद तो ये है कि जिनपर समाज को शिक्षित, सभ्य बनाने की जिम्मेदारी है, खुद वही इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करे तो फिर आक्रोश भड़कना स्वाभाविक है। हम जो खबर आपको बताने जा रहे हैं, उसे पढ़कर आप उस प्रोफेसर की सोच को लेकर हैरान रह जाएंगे, जिसकी एक अजीबो-गरीब टिप्पणी को लेकर इन दिनों देश में गुस्से की लहर है। ये गुस्सा सिर्फ सोशल मीडिया पर ही नहीं प्रदर्शित हो रहा है, बाकायदा सड़कों पर भी अलग-अलग छात्र संगठनों, महिला संगठनों के प्रदर्शन हो रहे हैं। हम आपको बताते हैं कि ये मामला आखिर है क्या और कहां हो रहे हैं इसके खिलाफ प्रदर्शन?
दरअसल, केरल के कोझिकोड के फारूक ट्रेनिंग कॉलेज में प्रोफेसर जौहर मुनव्विर के एक कार्यक्रम में दिए गए बयान का वीडियो सामने आया, जिसके बाद ये वायरल हो गया। इस वीडियो में प्रोफेसर जौहर ने लड़कियों के कपड़ों को लेकर अश्लील और अभद्र टिप्पणी की है। मलयालम भाषा में उन्होंने कहा कि मुस्लिम लड़कियां हिजाब नहीं पहनती हैं और इस तरह की ड्रेस पहनती हैं जो इस्लामिक कायदे-कानून के खिलाफ हैं। लड़कियां मुफ्ताह नहीं पहनतीं और स्कार्फ से अपना सिर ढकती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं का सीना पुरुषों को आकर्षित करता है, इसलिए इस्लाम इसे ढ़ककर रखना सिखाता है। इसके आगे प्रोफेसर जौहर मुनव्विर ने ये भी कह दिया कि आज के दौर में मुस्लिम लड़कियां अपना सीना तरबूज के टुकड़ों की तरह दिखाती हैं।
जैसे ही प्रोफेसर जौहर मुनव्विर की ये टिप्पणी वायरल हुई, लोगों खासकर छात्राओं का गुस्सा भड़क गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, केरल स्टूडेंट्स यूनियन ने इस शर्मनाक टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। छात्राओं ने अपने हाथों में तरबूज लेकर तरबूज मोर्चा निकाला, जो सोशल मीडिया औऱ मीडिया पर तरबूज प्रदर्शन के नाम से दिखाया गया। इसी बीच, तिरुवनंतपुरम की एक सोशल मीडिया यूजर ने अपनी टॉपलेस तस्वीर पोस्ट कर दी, जिसमें उसने अपने ब्रेस्ट्स को तरबूज से ढ़क रखा है। इस यूजर ने लिखा कि महिला जो कपड़े पहनना चाहे, उसे अपनी इच्छा से पहनने का अधिकार है, आखिर कब हमारा समाज महिलाओं पर निशाना साधना बंद करेगा?
प्रोफेसर जौहर मुनव्विर को बर्खास्त करने की मांग तेज़ होती देख क़ॉलेज को भी सफाई देने के लिए आगे आना पड़ा, लेकिन बर्खास्तगी से कॉलेज ने इनकार कर दिया है। कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि प्रोफेसर मुनव्विर की टिप्पणी कॉलेज परिसर या कॉलेज के किसी कार्यक्रम में नहीं की गई, ऐसे में बाहर के किसी कार्यक्रम पर कॉलेज प्रबंधन किस तरह से कार्रवाई कर सकता है? दूसरी ओर, छात्राओं का कहना है कि इस तरह की शर्मनाक टिप्पणी करने वाले प्रोफेसर से कॉलेज स्टूडेंट्स को किस तरह की शिक्षा मिलने की उम्मीद कर रहा है?
वेब डेस्क, IBC24
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