'बरी होइस 'पोरा'...'इंसाफ' के अगोरा' का न्याय दिलाना कोनो एक पार्टी के काम हे? | Puri Bai acquitted from court on Fake answer sheet Case

‘बरी होइस ‘पोरा’…’इंसाफ’ के अगोरा’ का न्याय दिलाना कोनो एक पार्टी के काम हे?

'बरी होइस 'पोरा'...'इंसाफ' के अगोरा' का न्याय दिलाना कोनो एक पार्टी के काम हे?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:53 PM IST, Published Date : December 28, 2020/2:51 pm IST

रायपुर: साल भर लइका मन पढ़ई करथे फेर कोनो फर्जी तरीका ले टॉप करथे त पढ़इया लइक मन के मनोबल टूटथे। जांजगीर-चाम्पा जिला के बहुचर्चित पोराबाई प्रकरण म 12 साल बाद कोर्ट के फैसला आइस। चाम्पा के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनवाई करत हुए सबो 9 आरोपी ल बरी कर दिस। मामला उत्तरपुस्तिका ल फर्जी तरीका बदले अऊ 12 वीं बोर्ड म टॉप कराए के आरोप रहिस। 26 मई 2008 के बारहवीं बोर्ड के नतीजा म बिर्रा स्कूल के पोराबाई प्रदेश म टॉप करे रहिस। माध्यमिक शिक्षा मंडल के जांच म पोराबाई समेत 9 लोगन ऊपर FIR दर्ज करे गे रहिस। उहें मामला म पूर्व IAS BKS रे के बयान दिन। उन कहिन कि प्रकरण स्पष्ट फर्जीवाड़ा के रहिस।

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मामला म भाजपा के कहना हे कि 2008 म हमर सरकार मामला के जांच कराए रहिस। उन कांग्रेस नेता मन ऊपर निसाना साधिन। साक्ष्य के अभाव ये फैसला आए हे। कांग्रेस ल न्यायालय ऊपर भरोसा नइ हे, उहें मंत्री रविंद्र चौबे कहिन कि चूंकि ये मामला म न्यायालय के फैसला आ चुके हे, अब टिप्पणी उचित नइ हे, फेर ये घलो सच हे कि फर्जीवाड़ा होए रहिस।

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मामला म 12 बछर बाद फैसला आइस। सबो आरोपी बरी होइन, फेर मेहनत करइया लइका मन के संग का न्याय होइस। बीजेपी अऊ कांग्रेस एक-दूसर ऊपर आरोप लगात हें, का न्याय दिलाना कोनो एक पार्टी के काम हे? न्याय बर त सबो ल मिलके लड़ना चाही।

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