भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में ऑक्सजीन प्लांट का Reality Check, जानिए सरकारी दावों की हकीकत | Reality check of Oxygen plant in Bhopal, Indore and Gwalior, know the reality of government claims

भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में ऑक्सजीन प्लांट का Reality Check, जानिए सरकारी दावों की हकीकत

भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में ऑक्सजीन प्लांट का Reality Check, जानिए सरकारी दावों की हकीकत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : May 28, 2021/6:18 pm IST

भोपाल: कोरोना की दूसरी लहर में भोपाल में ऑक्सजीन की कमी की वजह से कई मरीजों ने दम तोड़ा। अब तीसरी लहर को लेकर तैयारी का दावा किया जा रहा है। सरकार ने ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणाएं तो कीं लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर नजर आ रही है। प्रशासन ने घोषणा की थी कि खुशीलाल आयुर्वेदिक संस्थान और काटजू अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे, लेकिन एक महीने बाद भी प्रोजेक्ट का काम शुरू नहीं हो पाया है। हमारी पड़ताल के मुताबिक खुशीलाल आयुर्वेदिक कॉलेज के प्लांट के लिए लाया गया कॉपर ही चोरी हो गया, तो काटजू अस्पताल में अब तक काम नजर नहीं आ रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में बैरसिया और नजीराबाद की भी यही स्थिति है, यहां 300 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाना प्रस्तावित है, लेकिन सब कागजों पर ही दिखाई दे रहा है।

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प्रदेश की आर्थिक राजधनी इंदौर पर गौर करें तो कोरोना संक्रमण का ये हॉट स्पॉट रहा है, यहां भी ऑक्सीजन की कमी से कई मरीजों ने दम तोड़ा। वहीं, प्रदेश सरकार ने अब फैसला लिया है कि जो भी ऑक्सीजन प्लांट्स लगाएगा उसे 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। राधा स्वामी सत्संग व्यास कोविड सेंटर में भी ढाई करोड़ की लागत से प्रतिदिन 40 टन ऑक्सीजन देने वाला ऑक्सीजन प्लांट तैयार हो रहा है, लेकिन फिलहाल अब तक तैयार नहीं हो पाया है। वहीं, पिछले दिनों प्रशासन ने शहर के हॉस्पिटल संचालकों के साथ बैठक ली थी, जिसमें 21 निजी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की बात कही थी। लेकिन फिलहाल इन हॉस्पिटल में भी अब तक ऑक्सीजन प्लांट शुरू नहीं हो पाए हैं, लेकिन  नेता और मंत्री अपने दावों से नहीं थकते।

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ग्वालियर में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई हैं। इसके लिए कंपू पर निर्माणाधीन एक हजार बिस्तर के अस्पताल से शुरूआत की जा रही है। इस कैंपस में निर्माणाधीन 3 ब्लॉक में से C ब्लॉक की बिल्डिंग को जुलाई तक तैयार किया जाना है, जिसमें 500 बेड की चिकित्सा सुविधा शुरू की जाएंगी। इसके लिए संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना ने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त को पत्र भेजकर स्टाफ की भर्ती और ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट लगाने और लिक्विड ऑक्सीजन टैंक की स्वीकृति मांगी है।

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वहीं तीसरी लहर से पहले 6 नए ऑक्सीजन प्लांट भी ग्वालियर के सरकारी अस्पतालों में लगाए जा रहे हैं, जिसमें से एक ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में लग गया है। तो, वहीं बाकी के 5 प्लांट हजीरा,  डबरा अस्पताल,  मुरार अस्पताल में लगेंगे। सीएमएओ के मुताबिक जयारोग्य अस्पताल में तीन प्लांट में से एक का प्लांट लग चुका है। यानि जब दूसरी लहर में ऑक्सीजन को लेकर हाहकर मचा था, तब ग्वालियर में 6 ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणाएं हुई थी। जिसमें से केवल एक तैयार हुआ है, जिसे लेकर कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार, बीजेपी सरकार और उसके नुमाइंदों पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

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