शिक्षाकर्मी फर्जीवाड़ा : पदस्थापना के 10 साल बाद सच्चाई आई सामने, मुख्य कार्यपालन अधिकारी पर आरोप मढ़ते नज़र आये आरोपी | shikshaakarmee news : 10 years after the posting, the truth came in front

शिक्षाकर्मी फर्जीवाड़ा : पदस्थापना के 10 साल बाद सच्चाई आई सामने, मुख्य कार्यपालन अधिकारी पर आरोप मढ़ते नज़र आये आरोपी

शिक्षाकर्मी फर्जीवाड़ा : पदस्थापना के 10 साल बाद सच्चाई आई सामने, मुख्य कार्यपालन अधिकारी पर आरोप मढ़ते नज़र आये आरोपी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:29 PM IST, Published Date : March 28, 2019/10:48 am IST

बालोद। बालोद जिले मे पिछले 10 सालो से फर्जी डिग्री के सहारे दो लोगो के द्वारा शिक्षक की नौकरी करने का मामला सामने आयाहै।मामले मे जहां शिक्षा विभाग के द्वारा फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षक के खिलाफ जाॅच प्रारंभ कर दी गई है।तो वही ये दोनो शिक्षकों को तत्कालीन नियुक्तिकर्ता अधिकारी की साजिश बताकर मामले मे खुद को निर्दोष बता रहे है।
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दरअसल जिले के गुरूर ब्लाक स्थित साल्हेभाट प्राथमिक शाला में बीएड की फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे वर्ग 3 के शिक्षाकर्मी का मामला सामने आते ही क्षेत्र मे हड़कम्प मच गई है।जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुये जाॅच प्रारंभ्भ करते हुये उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है और इसी के साथ साल 2008 मे हुये गुरूर जनपद पंचायत द्वारा किये गये शिक्षाकर्मी भर्ती भी संदेह के दायरे मे आ गया है। .साल 2008 मे गुरूर जनपद पंचायत के द्वारा शिक्षा कर्मियो की भर्ती की गई। उसी समय दो शिक्षाकर्मी चंन्द्रभूषण बांधे और भगवती प्रसाद देवागन। जो कि साल्हेभाट के प्राथमिक शाला में मे पदस्थ हुए। इन दोनो का बीएड डिग्री फर्जी पाई गई है।
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.इस दौरान अगर दोनों शिक्षाकर्मी की माने तो उनका कहना है। साल 2008 मे शिक्षाकर्मी भर्ती के दौरान जनपद पंचायत गुरूर मे पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी मंडावी के द्वारा दोनो युवको से लाखो रूपये लेकर इन्हे सिर्फ फार्म भरकर जमा करने कहा और कार्यालय मे उनके आवेदन मे फर्जी डिग्री लगा दी गई और इनका नौकरी के लिये चयन भी हो गया .और अब इस मामले का खुलासा होने पर शिक्षा अधिकारी के द्वारा जाॅच प्रारंभ्भ कर दी गई है। वहीं दोनों शिक्षक अपने आप को निर्दोष बताने मे लगे हुये है।

 
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