छत्तीसगढ़ः मांग पत्र मांगने के सरकार के फैसले पर शिक्षाकर्मी संघ ने दी प्रतिक्रिया | shikshakarmi sangh respond on government's decision to demand a demand letter

छत्तीसगढ़ः मांग पत्र मांगने के सरकार के फैसले पर शिक्षाकर्मी संघ ने दी प्रतिक्रिया

छत्तीसगढ़ः मांग पत्र मांगने के सरकार के फैसले पर शिक्षाकर्मी संघ ने दी प्रतिक्रिया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : February 12, 2018/3:49 pm IST

बिलासपुर। पिछले दिनों शिक्षाकर्मिओं के मुद्दे पर गठित मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी की बैठक में इस बात का फैसला लिया गया था कि प्रदेश में सभी शिक्षाकर्मी संगठनों से उनकी मांगों के संदर्भ में मांग पत्र मांगा जाएगा, ताकि शिक्षाकर्मियों की मांगों और मुद्दों की सभी जानकारी कमेटी को मिल सके। इसी कड़ी में पंचायत विभाग की तरफ से आज 9 शिक्षाकर्मी संगठनों को पत्र जारी कर 7 दिनों के भीतर सुक्षाव मांगे गए है।

पंचायत विभाग के डायरेक्टरेट ने शिक्षाकर्मी संघ से सुझाव और प्रस्ताव के दस्तावेज को सात दिन के भीतर वापस बुलाया हैै, ताकि कमेटी के सामने शिक्षाकर्मी संघ से जुड़े दस्तावेज सौंपे जा सके। साथ ही दूसरे प्रदेशों के रिफरेंस के पत्र और दस्तावेज भी अगर शिक्षाकर्मी संगठन के पास हो तो वो भी पंचायत विभाग ने मांगे हैं। ताकि दूसरे प्रदेश की नियम व शर्तों के आधार पर शिक्षाकर्मियों की मांगों पर विचार किया जा सके। इधर शिक्षाकर्मी संगठन ने सरकार के इस कदम पर अपनी अलग- अलग प्रतिक्रिया दी है। 

 

शिक्षाकर्मी संघ की प्रतिक्रिया

शिक्षाकर्मी संघ के मीडिया प्रभारी विवेक दुबे ने IBC24 वेब से बात करते हुए बताया कि शिक्षाकर्मी मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने कमेटी से संविलयन के मुद्दे को विचार किए जाने वाले मुद्दों में शामिल करने की बात कही है। दुबे ने बताया कि संजय शर्मा ने मध्यप्रदेश का उदाहरण देते हुए कमेटी से गुजारिश की है कि जिस तरह मध्यप्रदेश के शिक्षाकर्मियों को वहां के मुख्यमंत्री के संविलयन की सौगात दी है वैसे ही  छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मी भी अपने संविलियन की राह ताक रहे हैं लेकिन शिक्षाकर्मियों की मांगों के संबंध में निर्णय लेने के लिए जिस कमेटी का गठन किया गया है उसके द्वारा विचार किए जाने वाले मुद्दों में संविलियन का मुद्दा शामिल ही नहीं है ऐसी स्थिति में फिर से एक बार  शिक्षाकर्मियों को छले जाने की आशंका नजर आ रही है

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इसलिए उनका कहना है कि तत्कालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए संविलियन के मुद्दे को कमेटी अपने विचार किए जाने वाले मुद्दों की सूची में शामिल करें और शिक्षाकर्मी मोर्चा इससे संबंधित समस्त दस्तावेज कमेटी को उपलब्ध कराएगा क्योंकि मध्यप्रदेश में संविलियन की घोषणा पूर्व में ही हो चुकी है अतः छत्तीसगढ़ में भी इसका अनुसरण करते हुए यहां के समस्त शिक्षाकर्मियों का एक साथ मूल शिक्षा विभाग में सेवा हस्तांतरण किया जाना चाहिए और यही प्रदेश के 1-1 शिक्षाकर्मी और उनके परिजनों की मांग है।

 

 

 

वेब डेस्क, IBC24

 
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