स्मिता स्मृतियों में शेष | smita patil birthday

स्मिता स्मृतियों में शेष

स्मिता स्मृतियों में शेष

:   Modified Date:  December 3, 2022 / 11:42 PM IST, Published Date : December 3, 2022/11:42 pm IST

 

 

मिर्च मसाला,अर्थ ,मंडी , नमक हराम ,आखिर क्यो  जैसी कलात्मक  फिल्म करने वाली बॉलीवुड  की मरहूम एक्ट्रेस स्मिता पाटिल का आज जन्म दिन है। उनका  फिल्मी सफर सिर्फ 10 साल का रहा,लेकिन इन दस साल में उन्होंने ऐसा काम किया की वे आज भी सम्मान के साथ याद की जाती है। उन्होंने अपने कॅरियर में पहली बार कैमरा फेस किया था मुंबई दूरदर्शन की बतौर एंकर के रूप में 1970 में,उसके बाद अपनी फ़िल्मी सफर में पहला डेब्यू किया श्याम बेनेगल की फिल्म चरणदास चोर से उसके बाद उनकी दो हिट फिल्मे आई जिनमे फिल्म चक्कर के लिए उन्हें 1982 में फिल्म फेयर अवॉर्ड भी मिला।इसके साथ ही 1981 और 1978 में उन्हें फिल्म चक्कर और भूमिका के लिए नेशनल फिल्म अवार्ड फॉर बेस्ट एक्ट्रेस मिला और इस उपलब्धि के साथ स्मिता की तरक्की की राह खुल गयी उसके बाद उन्होंने अनेक हिट फिल्म किये जिनमे नमक हराम मिर्च मसाला ,मंडी ,गुलाम, चिदम्बरा अर्थ , आखिर क्यों दर्शको की खास पसंद बनी। 

 वो ना सिर्फ फिल्मों, बल्कि राज बब्बर से अपने सम्बन्धों की वजह से भी चर्चा में रही. मौत के बाद भी उन्होंने चर्चा बटोरी सिर्फ 31 साल की उम्र में उनकी अचानक मौत आज भी रहस्यमयी है.अपने सशक्त अभिनय से पहचान बनाने वाली स्मिता पाटिल का जन्म 17 अक्टूबर 1956 में हुआ था। उनका नाम स्मिता रखने जाने के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है।असल में जन्म के समय उनके चेहरे पर मुस्कराहट देख कर उनकी मां विद्या ताई पाटिल ने उनका नाम स्मिता रख दिया। यह मुस्कान आगे चलकर भी उनके व्यक्तित्व का सबसे आकर्षक पहलू बना। स्मिता पाटिल अपने गंभीर अभिनय के लिए जानी जाती हैं, लेकिन बहुत काम लोग जानते है कि फिल्मी परदे पर सहज और गंभीर दिखने वाली स्मिता पाटिल असल जिंदगी में बहुत शरारती थीं।

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स्मिता को वायरल इन्फेक्शन की वजह से ब्रेन इन्फेक्शन हुआ था। प्रतीक के पैदा होने के बाद वो घर आ गई थीं। वो बहुत जल्द हॉस्पिटल जाने के लिए तैयार नहीं होती थीं, कहती थीं कि मैं अपने बेटे को छोड़कर हॉस्पिटल नही जाऊंगी। लेकिन जब ये इन्फेक्शन बहुत बढ़ गया तो उन्हें जसलोक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। स्मिता के अंग एक के बाद एक फेल होते चले गए।’जीवन के आखिरी दिनों में स्मिता का राजबब्बर के साथ रिश्ता भी कुछ बहुत सहज नहीं रह गया था।

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 स्मिता पाटिल की एक आखिरी इच्छा थी। उनके मेक अप आर्टिस्ट दीपक सावंत बताते हैं, ‘स्मिता कहा करती थीं कि दीपक जब मर जाउंगी तो मुझे सुहागन की तरह तैयार करना।’ आगे जानें, दीपक ने क्या कहा…दीपक ने कहा कि एक बार उन्होंने राज कुमार को एक फिल्म में लेटकर मेकअप कराते हुए देखा और मुझे कहने लगीं कि दीपक मेरा इसी तरह से मेक अप करो और मैंने कहा कि मैडम मुझसे ये नहीं होगा। ऐसा लगेगा जैसे किसी मुर्दे का मेकअप कर रहे हैं।’

 ये बहुत दुखद है कि एक दिन मैंने उनका ऐसे ही मेकअप किया। शायद ही दुनिया में ऐसा कोई मेकअप आर्टिस्ट होगा जिसने इस तरह से मेकअप किया हो।’ मरने के बाद उनकी अंतिम इच्छा के मुताबिक, स्मिता के शव का सुहागन की तरह मेकअप किया गया.उनकी अंतिम फिल्मे थी गुलाम (1985 ),मिर्च मसाला (1985 ) और चिदंबरा (1985 ). उनके कैरियर के मुख्य साल 1974 -1985 भारतीय सिनेमा के इतिहास में महत्वपूर्ण फिल्मो के लिए सदा याद किये जायेंगे 

आज आई. बी.सी.24  परिवार इस महान ऐक्ट्रेस की कुछ खास पहलू को प्रस्तुत कर उन्हें 31 वी पुण्यतिथि में नमन करता है 

 

 
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