नयी दिल्ली, नौ फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान हुई हिंसा पर कथित तौर पर “भ्रामक” ट्वीट के सिलसिले में कांग्रेस सांसद शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई समेत छह पत्रकारों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर उनकी गिरफ्तारी पर मंगलवार को रोक लगा दी।
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प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने थरूर, सरदेसाई और पत्रकार मृणाल पांडे, जफर आगा, परेश नाथ, विनोद के. जोस और अनंत नाथ की याचिका पर केंद्र व अन्य को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा है।
पीठ ने जब कहा कि वह इस मामले में नोटिस जारी कर रही है तो थरूर की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि तब तक याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न किये जाने का आदेश दिया जाए।
पीठ ने इस पर कहा, “कुछ नहीं होने जा रहा। खतरा कहां है।”
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पीठ में प्रधान न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायामूर्ति वी रामसुब्रमण्यम भी शामिल हैं।
पीठ ने कहा, “हम दो हफ्ते बाद आपको सुनेंगे और इस बीच गिरफ्तारी पर रोक रहेगी।”
दिल्ली पुलिस ने 30 जनवरी को थरूर, सरदेसाई और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
इससे पहले थरूर और छह पत्रकारों के खिलाफ नोएडा पुलिस ने कथित राजद्रोह समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। अधिकारियों ने कहा था कि ये मामला दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर दर्ज हुए थे।
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