क्या प्रशांत किशोर फिर संभालेंगे नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार की कमान, चर्चा तेज | Will Prashant Kishore again take charge of Narendra Modi's campaign?

क्या प्रशांत किशोर फिर संभालेंगे नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार की कमान, चर्चा तेज

क्या प्रशांत किशोर फिर संभालेंगे नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार की कमान, चर्चा तेज

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : February 26, 2018/7:31 am IST

पीके यानी प्रशांत किशोर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर चल रही नई चर्चा ये है कि वो 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान की कमान संभाल सकते हैं। इस चर्चा का आधार है हाल ही में उनकी पीएम मोदी से कथित तौर पर मुलाकात, बताया जाता है कि प्रधानमंत्री ने प्रशांत किशोर को खाने पर बुलाया था। इससे पहले, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी पीके की मुलाकात की खबरें थीं। हालांकि अभी तक न तो भारतीय जनता पार्टी कैंप और न ही प्रशांत किशोर कैंप से इस मुलाकात या मुलाकात को लेकर शुरू हुई अटकलों के बारे में कुछ कहा गया है, लेकिन बताया जा रहा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद सार्वजनिक रूप से इस बारे में जानकारी दी जा सकती है।

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prashant kishor और prashant kishore हैशटैग पर कई वरिष्ठ पत्रकारों के साथ-साथ आम यूजर्स भी इस ख़बर को कंफर्म करने या जानकारी देने के लिए पोस्ट कर रहे हैं। प्रशांत किशोर 2012 में गुजरात विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए काम कर चुके हैं। इसके बाद 2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के चुनावी रणनीतिकार के रूप में प्रशांत किशोर एक बड़ा नाम बनकर सामने आए। बताया जाता है कि इस चुनाव के बाद प्रशांत किशोर और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच किसी मुद्दे को लेकर दूरियां बन गईं जिसके बाद पीके और बीजेपी का रिश्ता टूट गया। प्रशांत इसके बाद नीतीश कुमार के चुनाव रणनीतिकार बने और बिहार में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को हराकर महागठबंधन की सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई। इस जीत से उत्साहित नीतीश ने पीके को कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया था, जो महागठबंधन सरकार गिरने और एनडीए सरकार बनने तक कायम रहा था।

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प्रशांत किशोर बीजेपी और जदयू के बाद कांग्रेस के साथ जुड़ गए थे, पंजाब विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए उन्होंने काम किया और वहां कांग्रेस सरकार भी बनी। बताया जाता है कि पिछले कुछ समय से अपने पिता की बीमारी को लेकर पीके पारिवारिक समस्या में उलझे हुए हैं। अब चर्चा उनके बीजेपी खेमे में वापसी की है, दूसरी ओर बीच-बीच में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी उनकी नजदीकी सुर्खियों में आती रही हैं। ऐसे में इंतजार करना होगा कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों का, क्योंकि खबरों के मुताबिक उसी के बाद ये सामने आ पाएगा कि 2019 में नरेंद्र मोदी का साथ देंगे प्रशांत किशोर या राहुल गांधी के लिए बनाएंगे रणनीति?

 

 

 

 

वेब डेस्क, IBC24

 
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