Ravi Pushya Yoga/Aja Ekadashi 2023

Aja Ekadashi 2023 : अजा एकादशी पर बन रहा ये शुभ योग, यहां देखें व्रत का महत्व एवं पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि

Aja Ekadashi 2023: अजा एकादशी पर शुभ रवि पुष्य योग भी बन रहा है। जिसमें लोगों की हर एक मनोकामना पूर्ण होगी। 

Edited By :   Modified Date:  September 9, 2023 / 11:59 PM IST, Published Date : September 9, 2023/11:59 pm IST

Ravi Pushya Yoga/Aja Ekadashi 2023 : नई दिल्ली। भाद्रपद कृष्ण एकादशी तिथि 9 सितंबर शनिवार को शाम 07:17 बजे से शुरू हो रही है और ये तिथि अगले दिन 10 सितंबर को रात 09:28 बजे तक रहेगी। अजा एकादशी का व्रत 10 सितंबर रविवार को रखा जाएगा। हर महीने एकादशी के दो व्रत आते हैं। भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की इस एकादशी का विशेष महत्त्व है। कहते हैं इस दिन पूजा करने से बैकुंठ की प्राप्ति होती है। सारे पाप नष्ट होते हैं और स्वर्गलोक प्राप्त होता है। इतना ही नहीं अजा एकादशी पर शुभ रवि पुष्य योग भी बन रहा है। जिसमें लोगों की हर एक मनोकामना पूर्ण होगी।

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अजा एकादशी शुभ मुहूर्त – Ravi Pushya Yoga/Aja Ekadashi 2023

एकादशी तिथि 09 सितंबर को शाम 07 बजकर 17 मिनट पर प्रारंभ होगी और 10 सितंबर को रात 09 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी।

 

अजा एकादशी व्रत पारण का समय

अजा एकादशी व्रत का पारण 11 सितंबर को किया जाएगा। व्रत का पारण 11 सितंबर को सुबह 06 बजकर 04 मिनट से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। पारण के दिन द्वादशी तिथि समाप्त होने का समय रात 11 बजकर 52 मिनट है।

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एकादशी व्रत पूजा सामग्री सूची

श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति, पुष्प, नारियल, सुपारी, फल, लौंग, धूप, दीप, घी, पंचामृत, अक्षत, तुलसी दल, चंदन व मिष्ठान आदि।

 

एकादशी पूजा-विधि – Ravi Pushya Yoga/Aja Ekadashi 2023

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

 

 

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