Ravi Pushya Yoga/Aja Ekadashi 2023 : नई दिल्ली। भाद्रपद कृष्ण एकादशी तिथि 9 सितंबर शनिवार को शाम 07:17 बजे से शुरू हो रही है और ये तिथि अगले दिन 10 सितंबर को रात 09:28 बजे तक रहेगी। अजा एकादशी का व्रत 10 सितंबर रविवार को रखा जाएगा। हर महीने एकादशी के दो व्रत आते हैं। भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की इस एकादशी का विशेष महत्त्व है। कहते हैं इस दिन पूजा करने से बैकुंठ की प्राप्ति होती है। सारे पाप नष्ट होते हैं और स्वर्गलोक प्राप्त होता है। इतना ही नहीं अजा एकादशी पर शुभ रवि पुष्य योग भी बन रहा है। जिसमें लोगों की हर एक मनोकामना पूर्ण होगी।
एकादशी तिथि 09 सितंबर को शाम 07 बजकर 17 मिनट पर प्रारंभ होगी और 10 सितंबर को रात 09 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी।
अजा एकादशी व्रत का पारण 11 सितंबर को किया जाएगा। व्रत का पारण 11 सितंबर को सुबह 06 बजकर 04 मिनट से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। पारण के दिन द्वादशी तिथि समाप्त होने का समय रात 11 बजकर 52 मिनट है।
श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति, पुष्प, नारियल, सुपारी, फल, लौंग, धूप, दीप, घी, पंचामृत, अक्षत, तुलसी दल, चंदन व मिष्ठान आदि।
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
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