बेटे को छिंदवाड़ा जिताने और घरेलू मैदान बचाने के लिए अकेले लड़ रहे हैं, कमलनाथ |

बेटे को छिंदवाड़ा जिताने और घरेलू मैदान बचाने के लिए अकेले लड़ रहे हैं, कमलनाथ

बेटे को छिंदवाड़ा जिताने और घरेलू मैदान बचाने के लिए अकेले लड़ रहे हैं, कमलनाथ

:   Modified Date:  April 17, 2024 / 08:16 PM IST, Published Date : April 17, 2024/8:16 pm IST

(अनिल दुबे )

भोपाल, 17 अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा छिंदवाड़ा सीट हथियाने के आक्रामक प्रयासों तथा अपने कई करीबी सहयोगियों के साथ छोड़ने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता कमल नाथ अपने सांसद बेटे नकुल नाथ को इस सीट से दूसरी बार जीत दिलाने के लिए अकेले लड़ाई लड़ रहे हैं।

जैसे-जैसे 19 अप्रैल को मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, छिंदवाड़ा में चुनाव प्रचार करना कमलनाथ और नकुल नाथ के लिए पारिवारिक मामला जैसा लगता है।

दूसरी तरफ, मध्य प्रदेश के महाकोशल क्षेत्र की इस प्रतिष्ठित सीट पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार विवेक बंटी साहू के लिए प्रचार करने के लिए कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने दौरा किया है।

भाजपा पिछले 44 साल में सिर्फ एक बार कमलनाथ परिवार के खिलाफ छिंदवाड़ा से जीती है। पिछले साल साहू छिंदवाड़ा से विधानसभा चुनाव में कमलनाथ से हार गए थे।

चुनाव प्रचार के दौरान छह बार छिंदवाड़ा का दौरा कर चुके मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ‘स्थानीय बनाम बाहरी’ का मुद्दा उठाया। उन्होंने साहू को स्थानीय और उत्तर प्रदेश के कानपुर के कारोबारी परिवार से आने वाले कमलनाथ को बाहरी बताया।

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ लोगों के साथ भावनात्मक जुड़ाव बनाने की कोशिश कर भाजपा की चुनौती का मुकाबला कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता कमलनाथ(77)ने हाल ही में एक सभा में कहा, ‘‘जब मैं 44 साल पहले कहता था कि मैं छिंदवाड़ा से हूं तो लोग पूछते थे कि यह कहां है। आज, आप जहां भी जाते हैं, आप गर्व से कह सकते हैं कि आप छिंदवाड़ा से आए हैं…मैंने अपने युवा दिन छिंदवाड़ा को समर्पित कर दिए। जब भी मैं यहां आता हूं, मुझे वो दिन याद आते हैं।’’

कमलनाथ ने युवाओं को सलाह दी है कि वे अपने दादा-दादी से क्षेत्र की खराब स्थिति के बारे में पूछें और अब के विकास से इसकी तुलना करें।

गौरतलब है कि कांग्रेस का कोई भी बड़ा राष्ट्रीय नेता नकुल नाथ के प्रचार के लिए छिंदवाड़ा नहीं आया है।

वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘क्या बुजुर्ग योद्धा अपने दम पर छिंदवाड़ा जीत हासिल कर सकता है? राय बंटी हुई है लेकिन नौ बार के सांसद और दो बार के विधायक कमलनाथ छिंदवाड़ा में अपने करीबी सहयोगियों के बड़े पैमाने पर पलायन के बीच चमत्कार करने को लेकर आश्वस्त हैं।’’

उन्होंने दावा किया कि कमलनाथ सहानुभूति कारक पर बहुत अधिक भरोसा कर रहे हैं, जो उनके लिए काम कर सकता है।

कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ और बहू प्रिया नाथ भी ऐसे समय में नकुल नाथ के लिए प्रचार करने के लिए पसीना बहा रही हैं, जब कई स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है।

लोकसभा चुनाव से पहले अमरवाड़ा के मौजूदा विधायक कमलेश शाह, छिंदवाड़ा के महापौर विक्रम अहाके, पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना, जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित सक्सेना, विभिन्न पार्षद, नगर पालिकाओं के पदाधिकारी, सरपंच और कई कांग्रेस पदाधिकारियों ने पार्टी छोड़ दी।

कमलनाथ के करीबी सहयोगी दीपक सक्सेना ने 2019 में उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद विधानसभा में उनके प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अपनी विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था।

छिंदवाड़ा निवासी और राज्य भाजपा प्रवक्ता अजय धावले ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से कुछ प्रमुख चेहरों सहित लगभग 5,000 कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता सत्तारूढ़ दल में शामिल हो गए हैं।

धवले ने कहा, ‘‘भाजपा लोकसभा में नकुल नाथ के खराब ट्रैक रिकॉर्ड को जनता के सामने उठा रही है। (छिंदवाड़ा लोकसभा सीट की) 24 लाख आबादी में से 21 लाख लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिला है।’’

धवले ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री प्रहलाद पटेल और कई अन्य नेताओं ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार के प्रचार के लिए छिंदवाड़ा का दौरा किया है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यादव चुनाव प्रचार के लिए इस संसदीय सीट का छह बार दौरा कर चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को छिंदवाड़ा में रोड शो किया।

धवले ने कहा, पूर्व विधायकों और संगठन नेताओं को इस निर्वाचन क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक जिम्मेदारियां दी गई हैं। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार चुनाव प्रक्रिया की निगरानी के लिए छिंदवाड़ा में तैनात हैं।

भाजपा के अभियान का मुकाबला करने के लिए, कांग्रेस पिछले चार दशकों में कमल नाथ द्वारा किए गए कार्यों पर बहुत अधिक भरोसा कर रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘नकुलनाथ एक लाख वोटों के अंतर से जीतेंगे। उनके द्वारा पांच साल में और कमल नाथ द्वारा अपने 40 साल के राजनीतिक कार्यकाल में किए गए काम यह जीत सुनिश्चित करेंगे। पूरे छिंदवाड़ा ने इन विकास कार्यों को देखा है।’’

उन्होंने दावा किया कि किसानों के पास हर संभव सुविधाएं हैं और क्षेत्र में 6000 किलोमीटर लंबी ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया है।

बबेले ने कहा, ‘‘छिंदवाड़ा कमल नाथ का पर्याय है। वह व्यक्तिगत रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लोगों की मदद करते हैं और लोग खुद इसे स्वीकार करते हैं। बड़ी कंपनियों के कौशल विकास केंद्र खोले गए हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिले।’’

उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा में खेती पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र की तरह हाईटेक हो गई है। उन्होंने दावा किया,‘‘कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के लिए जितना काम किया, उतना किसी अन्य सांसद ने नहीं किया। क्षेत्र के लोगों से उनका व्यक्तिगत जुड़ाव है।’’

चार दशकों तक कांग्रेस का गढ़ रही छिंदवाड़ा लोकसभा सीट में छिंदवाड़ा और पांढुर्ना जिलों के सात विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से सभी पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है।

कमलनाथ छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से नौ बार जीते थे और उनके बेटे 2019 में 29 संसदीय क्षेत्रों वाले राज्य में कांग्रेस के लिए एकमात्र विजेता थे।

निर्वाचन क्षेत्र में 16.28 लाख मतदाता हैं, जिनमें 8.22 लाख पुरुष, 8.05 लाख महिलाएं और 11 तीसरे लिंग के व्यक्ति शामिल हैं।

भाषा दिमो

धीरज

धीरज

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)