एआईएफएफ एजीएम ने प्रस्ताव पारित कर चौबे पर ‘व्यक्तिगत हमलों’ को ‘अपमानजनक’ बताया |

एआईएफएफ एजीएम ने प्रस्ताव पारित कर चौबे पर ‘व्यक्तिगत हमलों’ को ‘अपमानजनक’ बताया

एआईएफएफ एजीएम ने प्रस्ताव पारित कर चौबे पर ‘व्यक्तिगत हमलों’ को ‘अपमानजनक’ बताया

:   Modified Date:  March 10, 2024 / 10:22 PM IST, Published Date : March 10, 2024/10:22 pm IST

ईटानगर, 10 मार्च (भाषा) अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने रविवार को यहां अपनी वार्षिक आम सभा (एजीएम) के दौरान एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें अध्यक्ष कल्याण चौबे पर ‘व्यक्तिगत हमलों’ को ‘बेहद अपमानजनक’ बताया।

एजीएम शनिवार को यहां संतोष ट्रॉफी के लिए राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप के समापन के एक दिन बाद आयोजित की गई थी। एजीएम से पहले कार्यकारी समिति की बैठक हुई।

एआईएफएफ ने कहा, ‘‘कार्यकारी समिति और आम सभा दोनों ने वरिष्ठ एआईएफएफ अधिकारियों, खासकर अध्यक्ष के खिलाफ जिस तरह से व्यक्तिगत हमले किए गए हैं, उस पर नाराजगी व्यक्त की है।’’

यहां जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘सदस्यों ने महसूस किया कि ये हमले न केवल महासंघ अध्यक्ष के खिलाफ व्यक्तिगत थे, बल्कि महासंघ और एआईएफएफ के हर सदस्य का अपमान भी थे। सदस्यों ने यह भी महसूस किया कि यह बिल्कुल गलत था और इससे महासंघ और भारतीय फुटबॉल की प्रगति को गंभीर नुकसान हुआ है।’’

विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘ सदन ने एक प्रस्ताव पारित कर इस हमले को प्रेरित और निश्चित रूप से दुर्भावनापूर्ण इरादे से किया गया हमला करार दिया।’’

इस बैठक का आयोजन विवादों के बीच हुआ जिसमें शाजी प्रभाकरण के एआईएफएफ महासचिव पद से बर्खास्तगी और पूर्व विधि प्रमुख निलांजन भट्टाचार्य को हटाने के विवाद शामिल हैं।

भट्टाचार्य ने अध्यक्ष कल्याण चौबे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे जिसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया। चौबे ने इन आरोपों को आधारहीन करार दिया था और भट्टाचार्य को कानूनी नोटिस भेजा था।

भट्टाचार्जी ने शनिवार को चौबे पर उनकी प्रतिष्ठा को बदनाम करने उन्हें लगातार परेशान करने के साथ ही उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने के लिए मानहानि का नोटिस भी दिया। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने पहले के बयानों पर कायम हैं।

इस दौरान विस्तृत चर्चा के बाद कार्यकारी समिति और आम सभा ने प्रस्तावित एफएसडीएल-एआईएफएफ-इंडिगो समझौते को आगे बढ़ाने का फैसला किया, जिस पर भट्टाचार्य ने संगठन के कानूनी प्रमुख के रूप में इस आधार पर आपत्ति जताई थी कि यह असंतुलित था और इससे राष्ट्रीय फुटबॉल संस्था को कोई लाभ नहीं होगा।

एआईएफएफ की विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘सदस्यों की राय थी कि इस मुद्दे पर जिस एमओयू पर सहमति हो सकती है, उससे भारतीय फुटबॉल की ब्रांड वैल्यू बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।’’

आम सभा ने मैच रेफरी की वर्तमान स्थिति और वीएआर (वर्चुअल असिस्टेंट रेफरी) की संभावित शुरुआत पर भी चर्चा की।

बैठक में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी शामिल हुए जो राज्य फुटबॉल संघ के अध्यक्ष हैं।

इस विज्ञप्ति में चौबे ने कहा, ‘‘कल जिस तरह से संतोष ट्रॉफी फाइनल के लिए 77वें एनएफसी का आयोजन किया गया, वह अपने आप में अनोखा था। हमने स्टैंड से जो माहौल और समर्थन देखा, वह बिल्कुल अद्भुत था। मुझे वास्तव में लगा कि संतोष ट्रॉफी की लोकप्रियता पिछले कुछ वर्षों में अधिक ऊंचाइयों पर पहुंच गई है।

खांडू ने कहा कि उनकी सरकार यहां पूरी तरह से फुटबॉल के लिए समर्पित एक स्टेडियम बनाने की योजना बना रही है।

भाषा

आनन्द नमिता

नमिता

 

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